वकीलों संग पीएम मोदी का संवाद , अधिवक्ताओं के भविष्य का रोड मैप तैयार
New Vision For Law And Lawyers
ब्यूरो रिपोर्ट : (News Flash INDIA) -
भारत के मुख्य न्यायाधीश, डॉ. डी. वाई. चंद्रचूड़, केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री, श्री अर्जुन राम मेघवाल सहित तमाम देश विदेश के अधिवक्ताओ के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानून और न्याय के स्तर को सुधारने और तकनीकी रूप से उसको समृद्ध बनाने के लिए अनेक महत्वपूर्ण विचार अंतर्राष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन में देश और दुनिया के सामने रखें । जहां पर भारत के अटॉर्नी जनरल, श्री आर. वेंकटरमणी, भारत के सॉलिसिटर जनरल, श्री तुषार मेहता, अध्यक्ष, अधिवक्ता परिषद, श्री मनन कुमार मिश्रा और ब्रिटेन के लॉर्ड चांसलर, श्री एलेक्स चाक भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ‘अंतर्राष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन 2023′ का उद्घाटन किया। सम्मेलन का उद्देश्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न कानूनी विषयों पर सार्थक संवाद और चर्चा के लिए एक मंच के रूप में कार्य करना, विचारों और अनुभवों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना और कानूनी मुद्दों पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समझ को मजबूत करना है।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने वैश्विक कानूनी बिरादरी के प्रसिद्ध लोगों के साथ बातचीत करने का अवसर मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की। इंग्लैंड के लॉर्ड चांसलर, श्री एलेक्स चाक और बार एसोसिएशन ऑफ इंग्लैंड के प्रतिनिधियों, राष्ट्रमंडल और अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधियों और देश भर के लोगों की उपस्थिति पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन 2023 ‘वसुधैव कुटुम्बकम्‘ की भावना का प्रतीक बनें। प्रधानमंत्री ने विदेशी गणमान्य व्यक्तियों का भारत में स्वागत किया और इस कार्यक्रम के आयोजन का नेतृत्व करने के लिए भारतीय अधिवक्ता परिषद को भी धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री ने किसी भी देश के विकास में कानूनी बिरादरी की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “वर्षों से न्यायपालिका और बार भारत की न्यायिक प्रणाली के संरक्षक रहे हैं।” प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता संग्राम में कानूनी पेशेवरों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने महात्मा गांधी, बाबा साहेब अंबेडकर, बाबू राजेंद्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, लोकमान्य तिलक और वीर सावरकर का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, “कानूनी पेशे के अनुभव ने स्वतंत्र भारत की नींव को मजबूत करने का काम किया है और आज की निष्पक्ष न्यायिक प्रणाली ने भारत में दुनिया का विश्वास बढ़ाने में भी मदद की है।”देखिए प्रधानमंत्री मोदी का इस महत्वपूर्ण विषय पर दिया गया वक्तव्य.......