Highcourt Action : इलाहबाद हाईकोर्ट ने गुंडा एक्ट के दुरुपयोग करने के मामले में प्रमुख सचिव गृह पर लगाया 30 हजार का हर्जाना , पुलिस व प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही रद्द की

ब्यूरो रिपोर्ट : News Flash INDIA - इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुंडा एक्ट का दुरुपयोग करने के मामले में सुनवाई करते हुए कड़ा एक्शन लिया है सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह पर 30 हजार रूपये का हर्जाना लगाते हुए पीड़ित को देने का आदेश दिया है।
पीड़ित व्यक्ति के खिलाफ पुलिस द्वारा गुंडा एक्ट की कार्यवाही की गई थी जिसको लेकर 8 दिसंबर 2023 को जिला अधिकारी फिरोजाबाद द्वारा धारा 3 ऑफ कंट्रोल आफ गुंडा एक्ट ,1970 के तहत नोटिस जारी किए गए थे । इसके खिलाफ पीड़ित हाई कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई थी।
न्यायालय में अपना पक्ष रखते हुए पीड़ित पक्ष द्वारा जानकारी दी गई कि उसके खिलाफ दो आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिनमें से एक मामला पारिवारिक भूमि विवाद की रंजिश के तहत दर्ज हुआ संदिग्ध मामला है क्योंकि वादी द्वारा वर्ष 2015 में अपने पारिवारिक भाई सहित अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कराया हुआ है। उसी मामले में बदले की भावना से प्रेरित विपक्षी द्वारा यह मामला वर्ष 2018 में दर्ज कराया गया।
वादी पक्ष ने अपने ऊपर दर्ज दूसरे मामले के बारे में कोर्ट को जानकारी दी कि उन पर दर्ज दूसरा मामला व्यापारिक लेनदेन से संबंधित मामला है। दोनो ही दर्ज मामलों का ,आमजन की शांति और कानून व्यवस्था को लेकर पैदा होने वाली चुनौतियों से कोई संबंध नहीं है।
- अपना पक्ष रखते हुए वादी के अधिवक्ता द्वारा Govardhan Vs. State of U.P. मामले में दायर याचिका संख्या 12619 / 2023 का हवाला देते हुए कहा गया कि इस मामले में यह माना गया है कि केवल एक या दो मामलों में शामिल होने से, उत्तर प्रदेश गुंडा नियंत्रण अधिनियम, 1970 की धारा 2 (बी) के अनुसार आरोपी आदतन अपराधी और गुंडा नहीं बन जाता है।इसलिए पुलिस प्रशासन द्वारा की गई कार्यवाही पूरी तरह से गैर कानूनी है इस संबंध में वादी पक्ष के अधिवक्ता ने Ravi Vs. State of U.P. and others मामले में दायर याचिका संख्या 3277 of 2024 में कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश का हवाला भी दिया।
वादी पक्ष की ओर से दिए गए तथ्यों और दलीलों का सरकारी अधिवक्ता ने विरोध किया लेकिन वे कोर्ट को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
इसके बाद वादी द्वारा दायर की गई याचिका को निस्तारित करते हुए कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया कोर्ट ने इस मामले में प्रमुख सचिव गृह उत्तर प्रदेश सरकार पर 30 हजार रूपये का हर्जाना लगाते हुए हर्जाने की राशि वादी को दो महीनो में भुगतान करने का आदेश दिया और डीएम फिरोजाबाद द्वारा जारी नोटिस को रद्द कर दिया।
साथ ही कोर्ट ने ऑर्डर की जानकारी संबंधित अधिकारियों को प्रेषित करने के लिए रजिस्ट्रार को निर्देश जारी किए।
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