Hapur Bar News : हापुड में अधिवक्ता आंदोलन को खोखला समर्थन , काम जारी रख कमा रहे धन

बार की रार : खोखले समर्थन से कमजोर होता अधिवक्ता आंदोलन

Hapur Bar News : हापुड में अधिवक्ता आंदोलन को खोखला समर्थन , काम जारी रख कमा रहे धन

Special Report: (NEWS FLASH INDIA) :   जनपद हापुड में अधिवक्ता करीब बीते 24 दिन से न्यायिक कार्य त्याग कर प्रदर्शन कर रहे है । जिसमे अनेक उतार चढ़ाव के बाद फिर से प्रदर्शन ने विस्तृत रूप लेना शुरू कर दिया है ।

जिसमे प्रदेश के विभिन्न जनपदों से हापुड बार एसोसिएशन को समर्थन मिल रहा है। साथ ही इस आंदोलन का समर्थन करने में विभिन्न जनपदों की बार एसोसिएशन द्वारा कार्य त्याग कर प्रदर्शन को पूर्ण समर्थन दिया जा रहा है ।

परंतु अधिवक्ताओं के लिए नाक की लड़ाई बन चुका , यह प्रदर्शन अधिवक्ताओं के एक समूह के खोखले समर्थन के चलते मुश्किलों के दौर से जूझ रहा हैं। और सिर्फ शाब्दिक समर्थन देकर, खोखले समर्थन के दावे करने वालो के कारण हापुड की धरती से हुंकार भरकर देश - प्रदेश से अधिवक्ताओं को एकत्र कर समर्थन जुटाने  की आशा रखने वाले हापुड बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के लिय यह शर्मिंदगी का विषय बन गया है ,जो बार एसोसिएशन अधिवक्ता आंदोलन के लिए अन्य जनपदों से समर्थन जुटाने में लगी है वही अपने ही जनपद की धरती से जुड़े इस अधिवक्ता समूहों को आंदोलन की अहमियत समझने में बार एसोसिएशन हापुड अब तक सफल नहीं हो सकी है। 

हापुड की टैक्स बार एसोसिएशन के वर्तमान अध्यक्ष जलज पाराशर करीब एक सप्ताह पहले हापुड़ बार एसोसिएशन के प्रदर्शन को समर्थन देने और आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए हापुड़ बार एसोसिएशन के धरना स्थल पर पहुंचे थे।

जहां उन्होंने मंच से खड़े होकर अनेक बड़े-बड़े दावे और जोश भरी बातें बोलकर टैक्स बार एसोसिएशन हापुड का समर्थन पूर्ण रूप से देने की बात कही थी,

लेकिन वर्तमान समय में समर्थन के बड़े बड़े दावे करने वाले ही, अब इस आंदोलन को ढेंगा दिखाते हुए आंदोलन रूपी लंका में विभीषण की भूमिका निभा रहे हैं। 

चूंकि हापुड बार एसोसिएशन द्वारा अन्य जिलों में व्यक्तिगत रूप से जाकर भी अपने आंदोलन के लिए समर्थन जुटाया जा रहा है लेकिन ऐसे जिम्मेदार चेहरे जो मंच से भाषण देकर समर्थन का दावा कर आए , वो ही अपने खोखले समर्थन के चलते चर्चा और हापुड बार एसोसिएशन के लिए शर्मिंदगी का विषय बन गए हैं। 
News Flash India को यह जानकारी टैक्स बार एसोसिएशन के एक (सदस्य) प्रतिनिधि द्वारा साझा करते हुए बताई गई । जिसमे उन्होंने बताया की हम आगामी 30 सितम्बर तक अपने कार्यों में व्यस्त है। जबकि हापुड बार एसोसिएशन द्वारा संचालित इस धरना प्रदर्शन में हापुड सहित कई जनपदों के अधिवक्ताओं द्वारा बीते करीब 24 दिन से पूर्ण रूप से अपने व्यवसायिक कार्य का बहिष्कार किया गया है तो दूसरी ओर  हापुड की टैक्स बार एसोसिएशन "अधिवक्ता एकता" के नारे को कलंकित करते हुए अपनी सेवाओं को निरंतर जारी रखे हुए है

जबकि जनपद हापुड़ में तहसील परिसर के अधिवक्ता और अन्य लोग तक कार्य त्याग कर अधिवक्ता आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।इसका एक मुख्य कारण यह भी है कि अधिवक्ता आंदोलन की अहमियत सिर्फ एक पंजीकृत अधिवक्ता ही समझ सकता है जो लोग अधिवक्ताओं के बीच बिना बार काउंसिल पंजीकरण के ही उनके हुक्मरान बन बैठे।वो अधिवक्ताओं के इस आंदोलन की अहमियत को क्या समझे?