प्रेम प्रसंग को छुपाने के लिए कलयुगी मां ने कर दी मासूम की हत्या , न्यायालय ने सुनाई ऐतिहासिक सजा
6 वर्षीय मासूम की निर्मम हत्या के मामले में आज हापुड़ जिला जज द्वारा दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है । यह ऐतिहासिक निर्णय जिला जज मलखान सिंह द्वारा दिया गया। इस घटना में एक कलयुगी मां को उसकी घिनौनी करतूत की सजा न्यायालय द्वारा दी गई है।

ब्यूरो रिपोर्ट: NEWS FLASH INDIA - जनपद हापुड़ के बहादुरगढ़ थाना क्षेत्र में 31 मार्च को घटित 6 वर्षीय मासूम की निर्मम हत्या के मामले में आज हापुड़ जिला जज द्वारा दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है । यह ऐतिहासिक निर्णय जिला जज मलखान सिंह द्वारा दिया गया। इस घटना में एक कलयुगी मां को उसकी घिनौनी करतूत की सजा न्यायालय द्वारा दी गई है।
हापुड पुलिस के पैरोकार हरेंद्र डबास और राकेश द्वारा आला अधिकारियों के निर्देश पर इस प्रकरण में प्रभावी ढंग से पैरोकारी की गई, जिसके चलते न्यायालय द्वारा घटना के घटित होने के बाद करीब 139 दिन में ही मुकद्दमे की सुनवाई पूरी कर ली गई और दोनों आरोपियों को सजा सुनाई गई।
- जानिए क्या है पूरा मामला।
कोर्ट ने 6 वर्षीय मासूम की मां सुलेखा पत्नी राजीव और हत्या में सह अभियुक्त अंकित कुमार पुत्र अनिल निवासी बहादुरगढ़ जनपद हापुड़ को सश्रम आजीवन कारावास सहित 25, 25 हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाकर दंडित किया है।
इस मामले में हापुड़ पुलिस द्वारा 2 अप्रैल को दोनो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था और करीब 27 दिन में ही आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया गया । जिसमें आईपीसी की धारा 302 ,201 और 34 के तहत आरोपियों को सजा सुनाई गई है ।
- क्या थी कलयुगी मां की करतूत शर्मनाक वजह ?
इस प्रकरण में कलयुगी मां द्वारा अपनी 6 वर्षीय बेटी की हत्या सिर्फ इसीलिए कर दी थी क्योंकि उसकी 6 वर्षीय मासूम बच्ची ने अपनी मां को उसके प्रेमी अंकित के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था, भेद खुल जाने के भय से कलयुगी मां ने घर में रखी दरांती से अपनी नन्ही मासूम बच्ची की निर्मम हत्या कर दी और शव को छुपाने के लिए गांव में खाली पड़े खंडहर मकान में फेंक दिया था। इस कलयुगी मां की इस खौफनाक करतूत ने मां जैसे पवित्र रिश्ते को सिर्फ अपनी अनैतिक करतूत को छिपाने के लिए समाज में कलंकित कर दिया।
इस संबंध में हापुड़ पुलिस द्वारा मुकदमा अपराध संख्या 67 / 2024 थाना बहादुरगढ़ पर दर्ज किया गया था और 29 अप्रैल को पुलिस द्वारा इस मामले में आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित कर मामले की पैरों करी की गई थी । बच्ची की हत्या के इस मामले में हापुड़ पुलिस द्वारा खास तौर पर फोरेंसिक टीम द्वारा मुख्य योगदान दिया गया जिससे इस गंभीर मामले को पुलिस द्वारा सुलझाया जा सका।