नए कानून लागू होने के बाद पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का हुआ आयोजन , जस्टिस मलखान सिंह ने दी जानकारी
देश में IPC व CRPC की जगह BNS और BNSS कानून लागू होने के बाद पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ । हापुड में जस्टिस मलखान सिंह, जस्टिस डॉ रीमा बंसल और जस्टिस डॉ ब्रहमपाल सिंह के सार्थक प्रयासों से हापुड़ में आयोजित हुई लोक अदालत में रिकॉर्ड वादों का निस्तारण हुआ।
ब्यूरो रिपोर्ट: News Flash INDIA - देश में नए कानून लागू होने के बाद पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन पर 13 जुलाई को हुआ। हापुड में माननीय जनपद न्यायाधीश मलखान सिंह, अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, एडीजे डॉ रीमा बंसल नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत और सीजेएम डॉ ब्रहमपाल सिंह प्रभारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सार्थक प्रयासों से हापुड़ में आयोजित हुई लोक अदालत में रिकॉर्ड वादों का निस्तारण हुआ।
लोक अदालत की शुरुआत जनपद न्यायाधीश ने फीता काटकर की। जिसके बाद एडीजे डॉ रीमा बंसल ,नोडल अधिकारी राष्ट्रीय लोक अदालत हापुड ने मंच से लोक अदालत में रिकॉर्ड वादों को निस्तारित करने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए जनपद न्यायाधीश और सीजेएम डॉ ब्रहमपाल सिंह, प्रभारी सचिव ,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सहित लोक अदालत का निरीक्षण किया। जनपद न्यायाधीश ने बैंक कर्मियों सहित लोक अदालत में पहुंचे वादकारियों से भी सीधा संवाद किया और अधिक से अधिक लंबित मामलों को निस्तारित करने पर बल दिया।
BSNL ने इस लोक अदालत में वादकारियों को 30 से 50% तक की छूट प्रस्तावित कर अधिक वादों को निस्तारित करने का सार्थक प्रयास किया।जिसकी जनपद न्यायाधीश ने निरीक्षण के दौरान सराहना की।
- नए कानून लागू होने के बाद क्या प्रभावित होगी लोक अदालत की प्रक्रिया ?
जनपद न्यायाधीश मलखान सिंह ने रिकॉर्ड वादों का निस्तारण होने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने बताया कि लोक अदालत के द्वारा कोर्ट में लंबित मामलों का बोझ कम करने में मदद मिलती है और वादकारियों को त्वरित न्याय मिल पाता है।
नए कानून लागू होने को लेकर उन्होंने जानकारी दी कि नए कानून लागू होने से लोक अदालत की कार्यप्रणाली पर किसी प्रकार का कोई फर्क नही पड़ेगा जो नए कानून है वे सीआरपीसी से संबंधित है जिसका लोक अदालत की प्रक्रिया पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
- जनपद हापुड़ में 1 लाख 78 हजार से ज्यादा वादों का हुआ निस्तारण
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट व सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हापुड़ डा० ब्रह्मपाल सिंह द्वारा जानकारी दी गयी कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न न्यायालयों द्वारा 6348/- वादों का निस्तारण किया गया। लोक अदालत में माननीय जिला जज महोदय श्री मलखान सिंह द्वारा 7 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें मु० 4800/- रू० का अर्थदण्ड वसूल किया गया।
प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, हापुड़ डॉ० विदुषी सिंह द्वारा 72 वादों का निस्तारण किया गया, जिनमें से 7 जोड़ों को सुखमय जीवन व्यतीत करने हेतु न्यायालय कक्ष से विदा किया गया।
पीठासीन अधिकारी मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, हापुड़ श्री गुरप्रीत सिंह बावा द्वारा 68 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें मु० 1,85,53,000/- रूपये का सेटलमेंट किया गया। अपर जिला जज प्रथम, हापुड श्री विपिन कुमार द्वितीय द्वारा 244 वादों का निस्तारण किया गया एवं 8000/-रु० का सेटलमेंट किया गया। अपर जिला जज विशेष (एससी/एसटी)अधिनियम, श्री हनी गोयल, द्वारा 12 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें मु० 3000/- रूपये का सेटलमेंट किया गया। अपर जिला जज विशेष पोक्सो अधिनियम, हापुड, श्री उमाकान्त जिन्दल द्वारा 07 वादों का निस्तारण किया गया एवं 10,000/- रु० का सेटलमेंट किया गया।
श्री ग्यानेन्द्र सिंह यादव अपर जिला जज द्वितीय द्वारा 02 वाद का निस्तारण किया गया। अपर जिला जज पोक्सो द्वितीय डा० रीमा बंसल द्वारा 04 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें मु० 4,00,000/- रू० का सेटलमेंट किया गया। अपर जिला जज त्वरित न्यायालय प्रथम, मिताली गोविंद राव द्वारा 11 वादों का निस्तारण किया गया जिसमें 10500/- रु० का अर्थदण्ड वसुल किया गया। श्री बिरेश चन्द्रा अपर जिला जज/एफ.टी.सी. द्वितीय द्वारा 4 वादों का निस्तारण किया गया जिसमें 1200500/- रु० का सेटलमेंट किया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, डा० ब्रह्मपाल सिंह द्वारा 3606 लघु आपराधिक वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें मु० 277330/- रूपये का अर्थदण्ड वसूल किया गया। सिविल जज (सी0डि0), प्रथम श्रीमती प्रीति मोगा द्वारा 15 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें मु० 3157050/- की बावत उतराधिकार प्रमाणपत्र जारी किया गया। सिविल जज (सी0डि0), द्वितीय, श्री रवि कुमार द्वारा 20 वादों का निस्तारण किया गया, मु० 1419458/- रूपये का सेटलमेंट किया गया।
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, सुनील शेखर द्वारा 835 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें मु० 760000/- रूपये का सेटलमेंट एवं 29580/- रु० का अर्थदण्ड वसूल किया। सिविल जज (सी0डि0), एफ.टी.सी, श्रीमति सौनाली रत्ना द्वारा 1 वादों का निस्तारण किया गया। सिविल जज (जू०डि०) प्रथम,श्रीमति बिंदिया भटनागर, द्वारा 8वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें 86569रु० का सेटलमेंट किया गया। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम, प्रतिभा भाग्यश्री द्वारा 503 वादों का निस्तारण किया गया, मु० 1750000/- रूपये का सेटलमेंट किया गया एवं मु० 21300/- रूपये का अर्थदण्ड वसूल किया गया। सिविल जज (जू0डि0) द्वितीय, हापुड श्री विश्वनाथ प्रताप सिंह द्वारा 11 वादों का निस्तारण किया गया। जिसमें मु० 69720/- रूपये का सेटलमेंट किया गया। सिविल जज (जू0डि0)/न्यायिक मजिस्ट्रेट, गढ़मुक्तेश्वर श्रीमति वर्तिका सहलत द्वारा 174 वादों का निस्तारण किया गया एवं मु० 13000/- रूपये का सेटलमेंट किया गया एवं मु० 5070/- रूपये का अर्थदण्ड वसूल किया गया। अपर सिविल जज (जू0डि0)/न्यायिक मजिस्ट्रेट गढ़मुक्तेश्वर श्री धर्मेन्द्र कुमार भारती द्वारा 240 वादों का निस्तारण किया गया एवं जिसमें मु० 7230/- रूपये का अर्थदण्ड वसूल किया गया। न्यायाधिकारी ग्राम न्यायालय धौलाना श्री धम्म कुमार सिद्धार्थ द्वारा 54 वादों का निस्तारण किया गया जिसमें 12250/- रु० का अर्थदण्ड वसूल किया गया। अपर सिविल जज (जू०डि०) प्रथम, श्री तन्वी सिंह द्वारा 163 वादों का निस्तारण किया गया, जिसमें मु० 16329389/- का सेटलमेन्ट किया गया एवं 31610/- रु० का अर्थदण्ड वसूल किया गया। अपर सिविल जज (जू०डि०) द्वितीय, हापुड श्री दीपक गौतम द्वारा 183 वादों का निस्तारण किया गया जिसमें 260000/- रु० का सेटलमेंट किया गया एवं 19210/- रु० का अर्थदण्ड वसूल किया गया। सिविल जज (जू०डि०) त्वरित न्यायालय प्रथम, सुश्री आभा द्वारा 41 वादों का निस्तारण किया गया जिसमें 10,00,000/- रु० का सेटलमेंट किया गया एवं 11300/- रु० का अर्थदण्ड वसूल किया गया। सिविल जज (जू०डि०) त्वरित न्यायालय, द्वितीय श्रीमति नेहा चौधरी द्वारा 63 वादों का निस्तारण किया गया जिसमें 5,23,000/- रु० का सेटलमेंट किया गया एवं 18,800/- रु० का अर्थदण्ड वसूल किया गया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, डा० ब्रह्मपाल सिंह ने बताया कि इसके अतिरिक्त विभिन्न बैंकों द्वारा नियत वादों में से विभिन्न प्रकार के 527 प्री-लिटिगेशन वादों का सुलह समझौते के आधार पर निस्तारण कर अकंन 10,57,18,000/- रूपये की धनराशि का सेटलमेंट किया गया। जनपद के राजस्व, पुलिस एवं अन्य विभागों द्वारा संयुक्त रूप से विभिन्न प्रकार के 171346 मामलों का निस्तारण किया गया।
इस प्रकार जनपद में कुल 1 लाख 78 हजार दो सौ इक्कीस मामलों का निस्तारण कर अंकन 15,01,34,666/- रूपये (पन्द्रह करोड़ एक लाख चौत्तीस हजार छह: सौ छियासठ मात्र ) का सैटिलमेंन्ट किया गया।