Hapur : मुस्लिम दबंगों की मदद से सनातन द्रोहियों ने तोड़ दिया प्राचीन हनुमान मंदिर, कोर्ट की रोक के बाद भी जमीन से मंदिर के सबूत मिटाने की साजिश जारी
हापुड़ में संपत्ति के हवस में तोड़ दिया गया शहर के मध्य स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर, मंदिर के प्रबंधक के अनुसार करीब दर्जन भर मुस्लिम लोगों की मदद से तोड़ा गया प्राचीन हनुमान मंदिर, मंदिर की जमीन कब्जाने के लिए मंदिर के रास्ते पर लगा दिया बड़ा गेट
ब्यूरो रिपोर्ट - (News Flash INDIA) : उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ से बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिसने सनातन समाज में आक्रोश भर दिया है। जहां सनातन धर्म को लेकर समाज के हर वर्ग से एकजुटता का संदेश दिया जा रहा है। तो समाज के कुछ सनातन द्रोहियों ने अपनी लालच और हवस की पूर्ति करने के लिए भगवान के घर को भी चोरी छुपे तोड़कर उसका सौदा करने की कोशिश में लगे है। जिस पर न्यायालय द्वारा रोक लगाई जाने पर भी दबंग के हौसले इतने बुलंद है उन्होंने ना तो कोर्ट के आदेश लेकर से पहुंचे अधिकारियों के निर्देशों का ही पालन किया और ना हीं मौके पर पहुंची पुलिस के द्वारा कोर्ट के आदेश समझाने पर भी मंदिर परिसर में जारी अवैध अतिक्रमण को रोका।
- दबंगई दिखाते हुए उड़ाई कोर्ट के आदेशों की धज्जियां , बोले यहां नहीं था कोई मंदिर
कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करते हुए इन संपत्ति लोभियों द्वारा मंदिर परिसर में छेड़छाड़ करते हुए उसके रास्ते से लगातार मंदिर के सबूत को मिटाया जा रहा है। जिनके आगे पुलिस भी लाचार नजर आ रही थी।
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मामला जनपद हापुड़ कोतवाली क्षेत्र के फ्री गंज रोड पर स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर का है। यह मंदिर अंग्रेजों के शासन के समय में जमीन के मालिक द्वारा बनवाया गया था और मंदिर को सार्वजनिक करते हुए समाज को सौंप दिया गया। हापुड़ जनपद न्यायालय परिसर से कुछ दूरी पर स्थित इस भूमि पर बने हनुमान मंदिर के साथ एक शिव मंदिर भी बनाया गया था जिसकी देखभाल करने के लिए जमीन के मालिक ने एक अध्यापक को वैधानिक तौर पर इसकी जिम्मेदारी सौंप दी थी।
- शहर के नामी परिवार से जुड़ा है पूरा विवाद , कोर्ट ने दिया आदेश
शहर के नामी परिवार से जुड़े इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब मंदिर परिसर और उसके रास्ते पर अवैध कब्जा करने के लिए संपत्ति के लोभियों द्वारा अपनी निजी संपत्ति से सटे मंदिर परिसर को भी अवैध रूप से रातों-रात तोड़ दिया गया और मंदिर पर कब्जा करने के लिए मंदिर के रास्ते पर एक बड़ा लोहे का गेट लगा दिया गया और मंदिर के करीब 300 गज के भाग को अपनी व्यक्तिगत भूमि में मिलकर उसका सौदा कर दिया गया। इस प्रकरण की जानकारी लगते ही मंदिर के प्रबंधक द्वारा हापुड़ न्यायालय की शरण ली गई। जिसमें सुनवाई करते हुए माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 29 मई 2025 को इस संपत्ति को विवादित घोषित करते हुए आदेश जारी किया गया कि "उभयपक्षकारों को आदेशित किया जाता है कि वे नियत दिनांक तक विवादित सम्पत्ति को किसी प्रकार से हस्तान्तरित करने एवं किसी भी प्रकार निर्माण करने के संबंध में यथास्थिति बनाये रखना सुनिश्चित करें। वादी आदेश 39 नियम 3 सी.पी.सी. के परन्तुक के प्रावधानों का अनुपालन अविलम्ब सुनिश्चित करें।"
- विवादित भूमि पर पहुंचा था कोर्ट कमीशन , मंदिर की जगह मिला मैदान
साथ ही न्यायालय द्वारा कोर्ट अमीन कमीशन को भी मौके पर जाकर वास्तविक वस्तु स्थिति का संज्ञान लेकर उसकी रिपोर्ट न्यायालय को देने का आदेश दिया गया, इसी आदेश के बाद दिनांक 31 मई को दोपहर करीब 2:00 बजे कोर्ट कमिशन की टीम विवादित भूमि पर पहुंची और अपनी कार्यवाही के बाद वहां हो रहे विकास कार्य को रुकवा दिया गया और चेतावनी देते हुए न्यायालय के अग्रिम आदेश तक कोई विकास कार्य न करने को कहा गया। लेकिन इसके बाद भी मंदिर तोड़कर भूमि कब्जा करने वाले संपत्ति लोभियों ने न्यायालय की टीम के जाने के कुछ देर बाद ही पुनः अवैध निर्माण शुरू कर दिया। मौके पर पहुंचे वादी द्वारा कोर्ट का आदेश दिखाते हुए उक्त अवैध निर्माण को रोकने की बात कही गई तो संपत्ति हड़पने के षड्यंत्र को रचने वाले षड्यंत्रकारी मौके पर पहुंचे मंदिर के प्रबंधक व केस के वादी से ही भिड़ गए। विपक्षी अनिल बंसल अपनी धर्मपत्नी के साथ ,मंदिर के प्रबंधक से ही बदसलूकी करने लगे । इसी दौरान अनिल बंसल का बेटा मौके पर पहुंचे मीडिया कर्मियों और मंदिर के प्रबंधक को तरह तरह की धमकियां देता रहा।
- मीडिया के कैमरे में कैद हुई पूरी घटना
कोर्ट कमीशन की टीम की कार्यवाही के दौरान मौके पर मीडिया का कैमरा भी पहुंच गया था और प्रकरण से जुड़ी पूरी घटना मौके पर मीडिया के कैमरे में कैद हुई। हंगामे की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने न्यायालय के आदेशों का हवाला देते हुए सक्षम न्यायालय में दोनों पक्षों को कार्यवाही करने के लिए कहा। और कोर्ट द्वारा जारी किए गए स्टे आर्डर की जानकारी अवैध कब्जा करने वाले विपक्षियों को दी। लेकिन लालच का चश्मा आंखों पर लगाए विपक्षी, ना तो कोर्ट के लिखित आदेश को मानने को और ना ही पुलिस की कोई बात सुनने को तैयार थे। मीडिया के कैमरे पर ही विपक्षी अतिक्रमण करते रहे और कोर्ट और न्यायालय के आदेशों का खुला मजाक बनाते रहे। मंदिर प्रबंधक नवनीत आर्य ने बताया कि विपक्षियों द्वारा वर्ष 2024 में रामनवमी के दिन ही इस प्राचीन हनुमान मंदिर को चोरी छुपे तोड़ दिया गया। इस कार्य को करने के लिए कुछ दबंग मुस्लिम लोगों का सहारा विपक्षियों ने लिया था माहौल खराब करने के लिए इन संपत्ति लोभियों द्वारा इस कृत्य को अंजाम दिया गया। इसके बाद उन्होंने न्यायालय स्तर पर इस मामले में कार्यवाही की है। कोर्ट ने विवादित भूमि पर 29 मई को स्टे ऑर्डर जारी कर दिया था परन्तु इसके बाद भी 31 मई तक मंदिर के साक्ष्य मिटाने के लिए विवादित भूमि पर रात भर कार्य किया गया । ओर इस तरह कोर्ट के आदेशों की खुली अवहेलना विपक्षी द्वारा की जा रही है। जिनको ना कानून या पुलिस किसी का डर नहीं है। घटना को लेकर समाज के लोगों में रोष व्यक्त है।