भारतीय नव वर्ष के गौरवशाली दिन का महत्व ,जानिए क्यो है यह दिन सबसे खास।

भारतीय नव वर्ष  के गौरवशाली दिन का महत्व  ,जानिए क्यो है यह दिन सबसे खास।
ब्यूरो रिपोर्ट-(News Flash INDIA) :  सभी को न्यूज़ फ्लैश इंडिया परिवार की तरफ से भारतीय सनातन संस्कृति के नववर्ष (नवसंवत्सर 2079) के प्रथम शुभ दिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
क्या आप जानते हैं भारत में नव वर्ष की शुरुआत (अप्रैल) चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि से होता हैं जिसकी गणना नवसंवत्सर के रूप में कई जाती हैं । 
समाज के लोगों में इस चीज को लेकर एक भ्रांति पैदा करने का प्रयास किया गया कि भारतीय नववर्ष मूर्ख दिवस अर्थात अप्रैल फूल के तौर पर मनाया जाता है जो कि पूर्णतया गलत है। आपको यह समझने की जरूरत है कि भारतीय संस्कृति में प्रत्येक दिवस और तिथि का अपना एक अलग महत्व है और जिस तिथि से भारतीय नव संवत्सर शुरू होता है उस तिथि को भी पौराणिक काल से अति महत्वपूर्ण माना गया है।
 
जानिए भारतीय नव संवत्सर का दिन क्यो इतना खास है 
माना जाता है कि यह दिन प्रकृति और ऐतिहासिक दोनों रूपों में अधिक विशेष और महत्वपूर्ण है
  1. इस दिन सूर्य उदय से ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना का कार्य प्रारंभ किया था।
  2. स्थिति पर सभी नक्षत्र शुभ स्थिति में होते हैं किसी भी कार्य को प्रारंभ करने के लिए सबसे शुभ मुहूर्त इसी दिन को माना जाता है
  3. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की तिथि से शुभ नवरात्रि का प्रारंभ होता है।
  4. वसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चारों तरफ पुष्पों की सुगंधि से भरी होती है।
  5. फसल पकने का प्रारंभ यानि किसान की मेहनत का फल मिलने का भी यही समय होता है।
  6. सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन राज्य स्थापित किया। इन्हीं के नाम पर विक्रमी संवत् का पहला दिन प्रारंभ होता है।
  7. प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक का दिन यही है।
  8. शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात् नवरात्र का पहला दिन यही है।
  9. सिखो के द्वितीय गुरू श्री अंगद देव जी का जन्म दिवस है।
  10. स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने इसी दिन आर्य समाज की स्थापना की एवं कृणवंतो विश्वमआर्यम का संदेश दिया।
  11. सिंध प्रान्त के प्रसिद्ध समाज रक्षक वरूणावतार भगवान झूलेलाल इसी दिन प्रगट हुए।
  12. राजा विक्रमादित्य की भांति शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु यही दिन चुना। विक्रम संवत की स्थापना की ।
  13. ज्येष्ठ पांडव धर्मराज युधिष्ठिर का राज्यभिषेक भी इसी दिन हुआ।
  14. संघ संस्थापक प.पू.डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार का जन्म दिन भी इसी दिन हुआ था