अधिवक्ताओं की हड़ताल पर हाईकोर्ट का सख्त एक्शन , कार्यकारिणी पर लगाया प्रतिबंध।

अधिवक्ताओं की हड़ताल पर हाईकोर्ट का सख्त एक्शन , कार्यकारिणी पर लगाया प्रतिबंध।

Special Report -(News Flash INDIA): हड़ताल को हथियार बनाकर इस्तेमाल करने वाले अधिवक्ताओं को हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक सबक देने का काम किया है जिसमे कोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को कोर्ट की पैरवी से एक महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया। इसी के साथ ही कोर्ट ने आगामी तीन साल तक बार एसोसिएशन के किसी भी चुनाव लडने के लिए पदाधिकारी को अपात्र घोषित किया है। हाई कोर्ट के इस सख्त रुख के बाद अधिवक्ताओं में हड़कंप की स्थिति है।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा अधिवक्ताओं की प्रदेशव्यापी हड़ताल का संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के आदेश दिए गए थे। एक जनहित याचिका के रूप में मामले की सुनवाई करते हुए यह निर्णय मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगल पीठ ने सिवनी बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं द्वारा की जा रही हड़ताल के संबंध में किया।

  • जानिए क्या है पूरा मामला।

यह विवाद जनपद न्यायालय को नागपुर रोड पर स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद शुरू हुआ। प्रस्ताव की मंजूरी के बाद इस फैसले का विरोध सिवनी बार के अधिवक्ताओं द्वारा किया गया। अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि नया कलेक्ट्रेट जिसका वर्तमान में निर्माण कार्य चल रहा है लोगो की बेहतर पहुंच की सुविधा के लिए उसको भी नागपुर रोड पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए। याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि सिवनी में नए न्यायालय परिसर के लिए आवंटित की गई जमीन का अधिवक्ता विरोध कर रहे थे। जिसको लेकर सिवनी जिला बार एसोसिएशन के आवाहन पर विगत तीन दिन से अधिवक्ता विरोध के रूप में न्यायिक कार्य से विरक्त रहते हुए हड़ताल कर रहे थे

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस हड़ताल को अवैधानिक करार दिया। हड़ताल को अवैधानिक बताने वाले जबलपुर हाईकोर्ट के फैसले के बावजूद करीब 90 से ज्यादा अधिवक्ताओं ने हड़ताल जारी रखने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया जिसके बाद अदालत ने उनमें से करीब 65 अधिवक्ताओं को अवमानना का नोटिस जारी किया। इसके साथ ही सिवनी जिला बार एसोसिएशन की निर्वाचित कार्यकारिणी को भी भंग कर दिया गया है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।

हाईकोर्ट ने राज्य अधिवक्ता परिषद को भी कार्यवाही के निर्देश दिए थे। राज्य अधिवक्ता परिषद की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सिवनी बार एसोसिएशन के पदाधिकरियों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है।

कोर्ट ने याचिका की सुनवाई के बाद सिवनी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि कुमार गोल्हानी, उपाध्यक्ष शिशुपाल यादव, उपाध्यक्ष सचिव रितेश आहूजा, संयुक्त सचिव मनोज हरनिखेड़े, कोषाध्यक्ष नवल किशोर सोनी, कार्यकारी सदस्य ऋषभ जैन, सत्येन्द्र ठाकुर, असरफ खान, विपुल बघेल तथा प्रवीण सिंह चैहान के खिलाफ प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए है ।