Hapur : बार एसोसिएशन का कैसा ये गड़बड़ झाला , बिना अधिवक्ता बने ही अध्यक्ष बना डाला

बार की रार Part - 2

Hapur : बार एसोसिएशन का कैसा ये गड़बड़ झाला , बिना अधिवक्ता बने ही अध्यक्ष बना डाला

Special Report -(NEWS FLASH INDIA): हापुड में पुलिस के विरोद्ध करीब दो सप्ताह तक अधिवक्ताओं का आंदोलन चला । एक तरफ इस आंदोलन का विस्तृत रूप इस आंदोलन की ताकत बना तो वही इसी आंदोलन में टैक्स बार एसोसिएशन हापुड द्वारा हापुड बार एसोसिएशन को दिया गया समर्थन पत्र और अन्य जारी प्रपत्र एक बड़े प्रकरण का खुलासा कर गए । जिसने टैक्स बार एसोसिएशन की अनेक गंभीर अनियमिताओं को उजागर कर दिया जिसमें व्यक्तिगत लाभ के लिए नियमों को ताक पर रखकर और पहचान छिपाकर ऐसे कार्य किए गए जो वास्तव में नियम अनुसार संभव ही नहीं थे ।

     आइये जानते है क्या है मामला......

                                  प्रथम चरण का खुलासा 

टैक्स बार एसोसिएशन हापुड के लेटर पैड कांड को उजागर करने के लिए News Flash INDIA की टीम ने इस पूरे प्रकरण के विभिन्न तथ्यों का अध्ययन किया। जिससे सबसे पहले यह खुलासा हुआ की वर्तमान में टैक्स बार एसोसिएशन हापुड में करीब 63 अधिवक्ता है लेकिन फिर भी बार के सदस्यों की संख्या इन आंकड़ों से कहीं अधिक है इसके पीछे की वजह यह है की, ऐसे लोगो को भी टैक्स बार का हिस्सा बना दिया गया, जिनको नियमानुसार टैक्स बार एसोसिएशन का सदस्य बनने का भी कोई अधिकार नहीं है। जबकि टैक्स बार एसोसिएशन हापुड़ के संविधान की धारा 4 (1) और 4 (2) के तहत केवल एक पंजीकृत अधिवक्ता ही उक्त एसोसिएशन का सदस्य हो सकता है।  लेकिन

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टैक्स बार के नियमों की अनदेखी करते हुए न केवल टैक्स बार एसोसिएशन हापुड में गैर अधिवक्ता सदस्य बनाए गए बल्कि एक अधिवक्ताओं के समूह का अध्यक्ष भी ऐसे व्यक्ति को बना दिया जो वास्तव में बतौर अधिवक्ता पंजीकृत ही नही है। 

यह सब नियम विरुद्ध काम को रोकने की जिम्मेदारी जिस चुनाव अधिकारी की थी उसने भी आंखो पर पट्टी बांध कर व्यक्तिगत लाभ की इच्छा से हर नियम को अनदेखा कर दिया।

इस नियम के चलते ही वर्तमान में टैक्स बार एसोसिएशन हापुड के चयनित अध्यक्ष जलज पाराशर ने टैक्स बार एसोसिएशन के लेटर पैड पर अपनी वास्तविक पहचान छिपा कर सिर्फ अपना नाम, अपना पता और मोबाइल नंबर ही अंकित किया , जबकि अपने एक सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भी वर्तमान अध्यक्ष जलज पाराशर द्वारा स्वयं को CA जलज पाराशर लिखा गया जबकि आधिकारिक प्रपत्र पर नाम से C.A शब्द छिपाते हुए वास्तविक पहचान छिपा ली गई।

इतना ही नहीं मई 2023 में टैक्स बार एसोसिएशन हापुड के चुनाव होने के बाद कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में चुनाव जीतने वाले प्रत्याशी जलज पाराशर को एडवोकेट जलज पाराशर के तौर पर भी प्रदर्शित किया गया। जिसका किसी भी स्तर पर टैक्स बार एसोसिएशन द्वारा कोई खंडन नहीं किया गया और क्योंकि उपरोक्त नियम के चलते जिम्मेदार लोगों ने व्यक्तिगत लाभ के लिए अपनी आंखों पर लालच की पट्टी बांध ली। और इस नियम विरुद्ध कार्य को लेकर की गई शिकायतों पर भी कोई संज्ञान नहीं लिया।

इतना ही नही नियमानुसार टैक्स बार एसोसिएशन का सदस्य बनने के बाद 365 दिन तक नए सदस्य को संगठन का हिस्सा बनाकर कार्य करना पड़ता है इसके बाद ही उसे संस्था में मतदान का अधिकार प्राप्त होता है। कुछ ऐसे भी तथ्य सामने आए है जिसमे गैर अधिवक्ता व्यक्ति को अध्यक्ष बनाने के लिए षड्यंत्र के तहत कुछ सदस्यों को नियम विरुद्ध समय से पहले ही मतदान का अधिकार दे दिया गया।जिसके चलते वर्तमान बार चुनाव में एक ऐसा व्यक्ति बार का अध्यक्ष बन गया जो की एक रजिस्टर्ड अधिवक्ता तक नहीं है। 

जिसके बाद से बार में लगातार विरोध की स्थिति बनी हुई है और नियम विरुद्ध चुनाव से गठित टैक्स बार की कमेटी को भंग करने की मांग उठ रही हैं जिसको लेकर शिकायतें भी उच्च स्तर पर की गई है। साथ ही यह विवाद दा यूपी टैक्स बार एसोसिएशन वाराणसी तक भी पहुंच गया है। इस पूरे प्रकरण में और भी कई ऐसे बड़े गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं जिनका खुलासा हम जल्द ही अगली खबर में करेंगे।