Hapur : धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करके किया धवस्तीकरण, चंडी मंदिर प्रबंधन समिति पर लगे गंभीर आरोप 

मंदिर प्रांगण से ही लगे अन्य स्थान जिसको एकद्शा के नाम से जाना जाता है जिसपर आज अपने अस्तित्व का संकट मंडरा रहा है क्योंकि वर्तमान प्रबंधक समिति के कुछ पदाधिकारी इस एकादशा को अवैध तरीके से ध्वस्त कर विकास का चोला पहना रहे है । इसी एकादशे से लगी एक इमारत जो प्रथम तल पर स्थित है जिसमें एक ऐसी लाइब्रेरी का संचालन होता था जो श्री गांधी स्मृति पुस्तकालय के नाम से दस्तावेजों में रजिस्टर्ड थी, और जिसका निर्माण भी नियमों  के अनुसार नक्शा आदि पास कराकर किया गया था

Hapur : धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करके किया धवस्तीकरण, चंडी मंदिर प्रबंधन समिति पर लगे गंभीर आरोप 

ब्यूरो रिपोर्ट: News Flash INDIA- जनपद हापुड़ अपनी धार्मिक पहचान को लेकर पुरातन काल से लोगों की आस्था का केंद्र रहा है ,जहां हापुड़ की चंडी रोड पर स्थित शक्ति पीठ माता चण्डी का मंदिर प्रमुख रूप से जनपद हापुड की एक धार्मिक धरोहर है।

मंदिर प्रांगण से ही लगे अन्य स्थान जिसको एकद्शा के नाम से जाना जाता है जिसपर आज अपने अस्तित्व का संकट मंडरा रहा है क्योंकि वर्तमान प्रबंधक समिति के कुछ पदाधिकारी इस एकादशा को अवैध तरीके से ध्वस्त कर विकास का चोला पहना रहे है । इसी एकादशे से लगी एक इमारत जो प्रथम तल पर स्थित है जिसमें एक ऐसी लाइब्रेरी का संचालन होता था जो श्री गांधी स्मृति पुस्तकालय के नाम से दस्तावेजों में रजिस्टर्ड थी, और जिसका निर्माण भी नियमों  के अनुसार नक्शा आदि पास कराकर किया गया था

इस लाइब्रेरी में सनातन संस्कृति के पुरातन इतिहास से संबंधित धार्मिक व सामाजिक पुस्तकों का संग्रह था जहां लोग इस लाइब्रेरी में अपने ज्ञानवर्धन के लिए आते रहते थे लेकिन अब ना ही वह ज्ञानवर्धक पुस्तकों का संग्रहालय बचा है और ना ही सनातन संस्कृति की परंपराओं से जुड़ा वह एकादशा , जिसमें किसी व्यक्ति की मृत्यु उपरांत होने वाले वह संस्कार संपन्न किए जाते है जिनसे दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान की जा सके। किसी व्यक्ति की मृत्यु के 10वे दिन यह संस्कार किया जाता है जिससे दिवंगत आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति हो सके।

  • क्या है पूरा मामला........
जनपद हापुड़ की चंडी रोड पर स्थित चंडी मंदिर प्रबंधक समिति के पदाधिकारियों द्वारा विकास के नाम पर बीते करीब 2 साल से मंदिर प्रांगण में नवीनीकरण का कार्य कराया जा रहा है लेकिन इस नवीनीकरण की आड़ में सनातन समाज की उन धरोहरों को भी नष्ट कर दिया गया है जिसका न तो समिति के पास अधिकार था और ना ही इस बाबत कोई भी वैधानिक स्वीकृति अथवा परमिशन संबंधित विभाग या अधिकारियों से ली गई थी। जिनके द्वारा मंदिर प्रांगण में स्थित एकादशा व वैधानिक रूप बनी लाइब्रेरी  और उसी परिसर में स्थित रोटरी क्लब द्वारा संचालित गरीब कन्याओं को सिलाई प्रशिक्षण देने के लिए बना केंद्र नष्ट कर दिया गया है।
इसके स्थान पर बिना विकास प्राधिकरण की स्वीकृति के और मानकों की पूर्ण अनदेखी करते हुए बेसमेंट का निमार्ण कर दिया गया है । इस प्रकरण से संबंधित तथ्यों के साथ गांधी स्मृति पुस्तकालय के मंत्री पद पर असिन मुकेश कुमार गर्ग ने आवाज उठाते हुए पूरी घटनाक्रम की शिकायत उत्तर प्रदेश शासन से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों तक की है। जिसकी जानकारी मिलने के बाद से अवैध रूप से संचालित की गई इस पूरी गतिविधि को अंजाम देने वाले श्री चंडी मंदिर प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों में हड़कंप की स्थिति है। क्योंकि जिस लाइब्रेरी को पदाधिकारी द्वारा अवैध रूप से तोड़ दिया गया। उसको लेकर ना तो लाइब्रेरी समिति से कोई एनओसी ली गई और न ही किए जा रहे निर्माण को लेकर कोई मानचित्र स्वीकृत कराया गया है। 
इस प्रकरण में अभी अनेक बड़े खुलासे से होने बाकी है जिसको संपूर्ण प्रमाणों सहित जल्द प्रकशित किया जायेगा आपको बता दें चंडी मंदिर प्रबंधन समिति में अध्यक्ष नवनीत अग्रवाल कली वाले और मंत्री मोहित जैन है ।