Tirupati Controversy : तिरुपति मंदिर में साजिशन हुई प्रसाद में पशु अवशेषों की मिलावट, धार्मिक और सियासी अखाड़ा गरमाया , पवन कल्याण ने कर दी ये बड़ी मांग
तिरुपति मंदिर में मिलने वाले लड्डू प्रसाद में इस्तेमाल किए गए घी के अंदर पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 15 सौ करोड़ से ज्यादा मंदिर से जुड़े विभिन्न सेवादारों व पुजारियों के वेतन पर खर्च होता है और इस मंदिर द्वारा सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार हेतु सालाना करीब 108 करोड़ का बजट बनाया जाता है। मंदिर को विभिन्न प्रकार से करोड़ो का आमदनी होती है । जिसके कारण यह घटना किसी साजिश की ओर इशारा कर रही है।
ब्यूरो रिपोर्ट: News Flash INDIA- देश विदेश में सनातन संस्कृति के प्रतीक और हिंदुओं की आस्था का विशेष केंद्र तिरुपति बालाजी का मंदिर एक लैब रिपोर्ट सामने आने के बाद चर्चा का विषय बना हुआ है। यह चर्चा आस्था के मंदिर में हुई उसे मिलावट को लेकर हो रही है जिसने करोड़ हिंदू समाज के लोगो की आस्था और उसकी पवित्रता के साथ प्रसाद के नाम पर खिलवाड़ किया है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया कि तिरुपति मंदिर में मिलने वाले लड्डू प्रसाद में इस्तेमाल किए गए घी के अंदर पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 15 सौ करोड़ से ज्यादा मंदिर से जुड़े विभिन्न सेवादारों व पुजारियों के वेतन पर खर्च होता है और इस मंदिर द्वारा सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार हेतु सालाना करीब 108 करोड़ का बजट बनाया जाता है। मंदिर को विभिन्न प्रकार से करोड़ो का आमदनी होती है ऐसे में मिलावट करने के पीछे किसी दूषित सोच से ज्यादा और कुछ नही समझा जा सकता।
इस संबंध में एक रिपोर्ट भी सामने आई है जिसमें फिश ऑयल और बीफ जैसी पदार्थ का होना पाया गया है इसके बाद से देश भर की सियासत में उबाल है तो वहीं सनातन धर्म के अनेक धार्मिक गुरुओं ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए नाराजगी जाहिर की है और बीजेपी ने इस मामले में कार्यवाही की मांग करते हुए वाईएसआरसीपी पर निशाना साधा है।
प्रकरण सामने आने के बाद सुपर स्टार पवन कल्याण ने कर दी ये मांग ।
उन्होंने घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए x पर पोस्ट किया कि पिछली सरकार के कार्यकाल दौरान, तिरुपति बालाजी प्रसाद में पशु मेद (मछली का तेल, सूअर की चर्बी और बीफ़ वसा) मिलाए जाने की बात के संज्ञान में आने से हम सभी अत्यंत विक्षुब्ध हैं। तत्कालीन वाईसीपी (YCP) सरकार द्वारा गठित टीटीडी (TTD) बोर्ड को कई सवालों के जवाब देने होंगे! इस सन्दर्भ में हमारी सरकार हरसंभव सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।लेकिन, यह समूचा प्रकरण मंदिरों के अपमान, भूमि संबंधी मुद्दों और अन्य धार्मिक प्रथाओं से जुड़े कई मुद्दों पर चिंतनीय प्रकाश डालता है।
अब समय आ गया है कि पूरे भारत में मंदिरों से जुड़े सभी मुद्दों पर विचार करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अविलंब ‘सनातन धर्म रक्षा बोर्ड’ का गठन किया जाए।
सभी नीति निर्माताओं, धार्मिक प्रमुखों, न्यायपालिका, आम नागरिकों, मीडिया और अपने-अपने क्षेत्रों के अन्य सभी दिग्गजों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर एक सार्थक बहस होनी चाहिए।
मेरा मानना है कि हम सभी को किसी भी रूप में ‘सनातन धर्म’ के अपमान को रोकने के लिए अविलंब एक साथ आना चाहिए।
- क्या है पूरा मामला ......
दरअसल तिरुपति मंदिर में दिया जाने वाला विशेष लड्डू का प्रसाद विशेष तौर पर मंदिर कमेटी द्वारा ही बनाया जाता है जिसकी निर्माण प्रक्रिया रेसिपी को भी गुप्त रखा गया है इस प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी को लेकर एक जांच रिपोर्ट सामने आई है सीएम चंद्रबाबू द्वारा बीते बुधवार को एनडीए विधायक दल की बैठक में मंच से संबोधन के दौरान कहा गया कि (पिछली वाईएसआरसीपी सरकार) पूर्ववर्ती सरकार ने एक पवित्र मिठाई यानी विश्व प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू को बनाने में घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया था।
इस गंभीर आरोप के बाद नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड, गुजरात की रिपोर्ट में इस सनसनीखेज आरोप की पुष्टि भी हो गई है । जिसमे बताया गया है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा संचालित तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर का लड्डू बनाने में मछली का तेल, बीफ और चर्बी का इस्तेमाल किया गया। मिलावट वाले घी का इस्तेमाल कर प्रसाद तैयार किया गया। बोर्ड की रिपोर्ट में तिरुपति मंदिर में तैयार होने वाले प्रसाद के लड्डू और अन्नदानम के सैम्पल की जांच में यह बड़ा खुलासा हुआ है। भगवान को भोग लगाएं जाने के बाद इन लड्डुओं को प्रसाद के तौर पर श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता रहा है। और साथ ही इसकी बड़े पैमाने पर बिक्री भी की जाती रही है।
सीएम नायडू ने कहा कि बीते पांच वर्षो में YSR कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने तिरुमला की पवित्रता को कलंकित किया है।
उन्होंने ‘अन्नदानम’ (मुफ्त भोजन) की गुणवत्ता से समझौता किया और घी के बजाय पशुओं की चरबी का उपयोग करके पवित्र तिरुमला लड्डू प्रसाद को भी दूषित कर दिया । इस खुलासे ने चिंता पैदा कर दी है । उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, अब हम शुद्ध घी का इस्तेमाल कर रहे हैं और हम टीटीडी की पवित्रता की रक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं.” इस मुद्दे को लेकर तत्कालीन जगन मोहन रेड्डी प्रशासन पर बीजेपी सहित तमाम संगठनों ने निशान साधा है। लेकिन यह आरोप बेहद गंभीर है क्योंकि इस तरह से आस्था के मंदिर और उसके प्रसाद को कलंकित कर आस्था से खिलवाड़ किया गया है।
तिरुपति मंदिर विश्व के उन धार्मिक स्थलों की सूची में शुमार है जहां भक्त दिल खोल कर दान देते हैं और एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 15 सौ करोड़ से ज्यादा मंदिर से जुड़े विभिन्न सेवादारों व पुजारियों के वेतन पर खर्च होता है और इस मंदिर द्वारा सनातन संस्कृति के प्रचार प्रसार हेतु सालाना करीब 108 करोड़ का बजट बनाया जाता है। मंदिर को विभिन्न प्रकार से करोड़ो का आमदनी होती है ऐसे में मिलावट करने के पीछे किसी दूषित सोच से ज्यादा और कुछ नही समझा जा सकता क्योंकि YSR कांग्रेस के जगन मोहन रेड्डी पर ईसाई धर्म का समर्थक होने के आरोप लगाते आ रहे हैं। फिलहाल इस मामले में देश का सियासी पारा हाई है।