बेगुनाही साबित करने के लिये डॉक्टर ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा अपनी बेगुनाही का दर्द

बेगुनाही साबित करने के लिये डॉक्टर ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखा अपनी बेगुनाही का दर्द
ब्यूरो रिपोर्ट -(News Flash INDIA) :  डॉक्टर हमेशा से ही समाज के लोगों के लिए भगवान जैसा दर्जा रखते हैं। जहां भगवान के बाद डॉक्टर को ही पूजनीय समझा गया है।लेकिन अक्सर समाज यह भूल जाता हैं कि जिंदगी और मौत का फैसला केवल डॉक्टर के इलाज पर ही निर्णीत नही होता। इसीलिए यह कहा गया है कि एक मरीज को ठीक करने में दवा और दुआओं , दोनों की अहम भूमिका होती है। 
लेकिन अगर इन बातों को भूल कर हम आक्रोश के तौर पर भगवान का दर्जा प्राप्त डॉक्टरों को इतना प्रताड़ित कर दें कि अपनी बेगुनाही सिद्ध करने के लिए उन्हें अपनी जान देनी पड़े। तो इससे ज्यादा शर्मनाक बात समाज के लिए कुछ नहीं हो सकती।
मामला राजस्थान के दौसा जिले का है जहां अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए एक महिला डॉक्टर ने मौत को गले लगा लिया और साइड नोट में अपने दर्द को बयां करते हुए महिला डॉक्टर ने जो लिखा है वह बेहद भावुक करने वाला है।
दौसा जिले के लालसोट उपखंड मुख्यालय पर स्थित आनंद हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा की आत्महत्या के मामले को लेकर डॉक्टरों में रोष व्याप्त है। पीड़िता महिला चिकित्सक ने कथित सुसाइड नोट में लिखा, ‘‘मैंने कोई गलती नहीं की...मेरा मरना शायद मेरी बेगुनाही सबित कर दे। कृपया निर्दोष डॉक्टरों को परेशान न करें।’’
क्या है पूरा मामला , जानिए।
 दौसा जिले के लालसोट में आनंद हॉस्पिटल में सोमवार को एक गर्भवती की प्रसव के दौरान मौत हो गई थी। मौत की सूचना पर भारी भीड़ अस्पताल पर इकट्ठा हो गयी।  जिसके बाद परिजनों और ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया था। उन्होंने अस्पताल के डॉक्टर सुनित उपाध्याय और उनकी पत्नी डॉ. अर्चना शर्मा के खिलाफ हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था तब जाकर सोमवार की रात करीब ढ़ाई बजे ग्रामीणों का हंगामा शांत हुआ था। इसके बाद तनावग्रस्त स्थिति में मंगलवार सुबह डॉ. अर्चना शर्मा ने फंदा लगाकर अपनी जान दे दी। 
जैसे ही पुलिस को डॉक्टर के सुसाइड की सूचना मिली तो पुलिस मौके पर पहुंची। डॉ. अर्चना के शव को उसके घर से बरामद किया गया ।

इस घटना पर मुख्यमंत्री ने क्या प्रतिक्रिया दी। 
 
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी घटना की निंदा की और कहा कि मामले में जांच की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। गहलोत ने ट्वीट किया, ‘‘दौसा में डॉ. अर्चना शर्मा की आत्महत्या की घटना बेहद दुखद है। हम सभी डॉक्टरों को भगवान का दर्जा देते हैं। हर डॉक्टर मरीज की जान बचाने के लिए अपना पूरा प्रयास करता है, लेकिन कोई भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना होते ही डॉक्टर पर आरोप लगाना न्यायोचित नहीं है।’’