भारत देश की रॉकेट वूमेन कैसे बन गई लखनऊ की बेटी , इन्ही कंधो पर चंद्रयान 3 की सफलता का जिम्मा
Inside story of Essential Face in Mission Chandrayaan 3

ब्यूरो रिपोर्ट : ( NEWS FLASH INDIA) :
भारत ने अंतरिक्ष में नया कीर्तिमान स्थापित करने की ओर 14 जुलाई को एक और कदम बढ़ा दिया है इस कदम के तहत भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 14 जुलाई को भारतीय समयानुसार दोपहर 2.35 बजे चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया। जिसकी सफलता के लिय इसरो चीफ पूरी टीम के साथ भगवान की शरण में आशीर्वाद लेने भी पहुंचे । इसी के साथ इस चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का जिम्मा देश की रॉकेट वूमेन के रूप पहचान बनाने वाली एक ऐसी महिला कंधो पर है जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ से है। इसी मिशन को लीड करने वाली यूपी के लखनऊ की बेटी का नाम है डॉ. रितु करिधल श्रीवास्तव।
डॉ. रितु करिधल श्रीवास्तव के नेतृत्व में ही भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 14 जुलाई को भारतीय समयानुसार दोपहर 2.35 बजे चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
चंद्रमा पर नया कीर्तिमान स्थापित करने के लिय चंद्रयान -3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। इस मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का पता लगाना और उसके बारे में जानकारी जुटना है।
अगर यह चंद्रयान चांद पर सफलता पूर्वक लैंड हो गया तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश होगा। इस मिशन का नेतृत्व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वरिष्ठ वैज्ञानिकों में से एक डॉ. रितु करिधल श्रीवास्तव कर रही हैं।
भारत की "रॉकेट महिला" के रूप में लोकप्रिय,रितु श्रीवास्तव लखनऊ, भारत से हैं। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक की डिग्री हासिल की। बाद में, उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमई की उपाधि प्राप्त की। रितु श्रीवास्तव 1997 में इसरो में शामिल हुई और चंद्रयान-2 के मिशन निदेशक और मंगलयान के उप संचालन निदेशक थे।
डॉ रितु की हमेशा से अंतरिक्ष में रुचि रही है और उनका लक्ष्य कुछ अनोखा करने का रहा है।
इसके अलावा, उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा 'इसरो यंग साइंटिस्ट अवार्ड', 'इसरो टीम अवार्ड फॉर एमओएम (2015)', 'एएसआई टीम अवार्ड', 'वीमेन अचीवर्स इन एयरोस्पेस' (2017) जैसे कई पुरस्कार भी डॉ रितु ने हासिल किए हैं।
उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने 2019 में चंद्रयान 2 के प्रक्षेपण के समय डॉ रितु को लेकर कहा था कि चंद्रयान 2 के प्रक्षेपण में वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुश्री रितु के.श्रीवास्तव जी और उप्र के अन्य वैज्ञानिकों के साथ ही 'मैप एंड पाथ जनरेशन' तकनीक उपलब्ध कराने में IITK की महत्वपूर्ण भूमिका रही , हम सभी को भारत की इस अतुलनीय उपलब्धि में उप्र के योगदान से अतिशय प्रसन्नता एवं गर्व है। तो वही इस बार डॉ रितु इस मिशन को लीड कर रही है जिससे उन्होंने पूरे उत्तर प्रदेश का मान बढाया है। जिनके माता पिता ने सफल प्रक्षेपण पर लखनऊ में लोगो में जमकर मिठाई बांटी । पूरा देश और प्रदेश इस गौरव को प्राप्त करने के बाद अब चंद्रयान 3 मिशन की सफलता की कामना कर रहा है ।