हापुड के व्यापारी की अनोखी मन्नत क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी, राममयी छवि वाले अरुण गोविल के लिए मांगी थी मन्नत

Special Report: News Flash INDIA: लोक सभा चुनाव 2024 परिणाम घोषित होने के बाद अलग-अलग प्रकार से लोगों द्वारा जीत का जश्न मनाया जा रहा है। इसी कड़ी में जनपद हापुड़ के एक व्यापारी ने अनोखी मन्नत पूरी होने पर इस अंदाज में जीत का जश्न मनाया जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है
दरअसल हापुड़ के रहने वाले लकड़ी व्यापारी संजीव अग्रवाल ने चुनाव के बाद एक अनोखी मन्नत ली थी । हापुड मेरठ लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल की राम मय आभा ने लोगो को बेहद प्रभावित किया है। जिसके चलते मेरठ हापुड लोकसभा सीट से सांसद बने अरुण गोविल में क्षेत्र के लोग भगवान श्री राम के दर्शन कर बेहद उत्साहित महसूस कर रहे है।
हापुड़ के लकड़ी व्यापारी संजीव अग्रवाल ने भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल की जीत को लेकर गौ माता से यह मन्नत मांगी थी कि चुनाव परिणाम में उनकी जीत सुनिश्चित होने पर वह एक निश्चित धनराशि गौ सेवा के लिए उस गौशाला में दान करेंगे , जहां भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल ने अपना चुनावी कार्यालय बनाया था। कल चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद अरुण गोविल की जीत की सूचना मिलने पर अपनी मन्नत पूरी करते हुए व्यापारी संजीव अग्रवाल और उनकी पत्नी ने हापुड़ के पक्का बाग चौराहे पर स्थित गौशाला में पहुंचकर 71,000 रूपये का दान देते हुए अपनी मन्नत पूरी की।
भाजपा प्रत्याशी अरुण गोविल की जीत के बाद विभिन्न प्रकार से लोगों ने अपनी खुशी का इजहार किया ,कहीं मिठाइयां बांटी गई तो कहीं ढोल की थाप पर लोगों ने जमकर नाच नाच कर जीत का जश्न मनाया लेकिन लकड़ी व्यापारी की यह अनोखी मन्नत क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।
लकड़ी व्यापारी संजीव अग्रवाल ने बताया कि जब हापुड मेरठ लोकसभा सीट पर रामायण में श्री राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल का नाम घोषित हुआ। तब उन्होंने गौ माता से यह मन्नत मांगी थी और जब चुनाव प्रचार के दौरान अरुण गोविल हापुड पहुंचे थे तब भी उनमें श्री राम स्वरूप मानकर उनका दर्शन करते हुए उनका पूजन किया और उनके पैर छू कर उनका अभिवादन किया था। उनको ऐसी ही अनुभूति हुई कि जैसे वह साक्षात भगवान श्री राम के दर्शन कर रहे हैं इसी के बाद चुनाव परिणाम में जीत का शंखनाद होते ही उन्होंने 71000 की नगद धनराशि गौ सेवा के लिए हापुड़ की गौशाला पहुंचकर दान दी।