ब्यूरो रिपोर्ट : News Flash INDIA-आज हम आपको एक ऐसे स्कूल की तस्वीर दिखा रहे हैं जिनको देखकर आप हैरत में पड़ सकते हैं।
- स्कूल जर्जर हाल ,बच्चों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल
- जिला प्रशासन के आदेश और बच्चो की सुरक्षा को ठेंगा, दिखाना पड़ेगा महंगा
स्कूल की हालत ऐसी कि बाहर से देख कर आप यह समझ ही ना सके कि यह कोई स्कूल है और अंदर की इमारत भी अपनी आपबीती स्वयं ही बयां कर रही है। जो इमारत किसी के रहने के लिए भी सुरक्षित ना हो ऐसी इमारत में करीब 150 से 200 बच्चो का स्कूल चलाया जा रहा है।
और इन दिनों जब कावड़ यात्रा को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सभी स्कूलो को 26 तारीख से 2 अगस्त तक बंद करने के सख्त आदेश दिए गए हैं इसके बाद भी न केवल 26 जुलाई बल्कि 27 जुलाई में भी इस स्कूल का संचालन बेखौफ तरीके से प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए किया गया।
दरअसल जिला प्रशासन द्वारा 25 जुलाई को एक आदेश जारी किया गया था जिसमें 26 जुलाई से लेकर 2 अगस्त तक स्कूलों का अवकाश घोषित किया गया और आदेश की अंतिम लाइन में यह भी स्पष्ट रूप से लिखा गया कि आदेश की अवहेलना करने पर कठोर कार्यवाही की जाएगी। इस आदेश के बाद भी जनपद हापुड़ के देहात थाना क्षेत्र में स्थित ग्राम पीरनगर सूधना में बाबा संत साहिब मिशन के नाम से एक स्कूल का संचालन किया जा रहा है।
जब स्कूली बच्चों ने स्कूल जाते समय बताया कि हमारे स्कूल की छुट्टी नहीं हुई है और छुट्टी को लेकर जारी आदेशों के बारे में नन्हे मुन्ने बच्चों को कोई जानकारी भी नहीं थी। इसके बाद मौके पर जब कैमरा पहुंचा तो तस्वीर देखकर हम भी दंग रह गए।
- पुरानी जर्जर इमारत में मानकों की भी उड़ाई जा रही धज्जियां।
हापुड़ की स्वर्ग आश्रम रोड से होते हुए ग्राम पीर नगर सूधना में पहुंचने पर जब स्कूल की हालत देखी तो यह नजारा किसी अचरज से काम नहीं था , क्योंकि इस स्कूल को एक पुराने घर की जर्जर इमारत में संचालित किया जा रहा था स्कूल के बाहर ना तो कोई नाम का बोर्ड लगा था और ना स्कूल संचालन से संबंधित किसी प्रकार के मानकों का पालन यहां किया जा रहा है। जो इमारत एक घर के तौर पर भी सुरक्षित नहीं उसमें सैकड़ो बच्चों को स्कूली शिक्षा के नाम पर जमा करके किसी बड़े हद से को भी न्यौता दिया जा रहा है। प्रिंसिपल साहब के कथित कार्यालय में छत पर पंखा तक नहीं था इस पर मिस्टर एक्स बोले की छत से पानी चू रहा है इसीलिए पंखा नहीं लगाया। जिस बिल्डिंग की ऐसी हालत हो वहां किस प्रकार के स्कूल का संचालन किया जा रहा है यह अंदाजा आप स्वयं लगा सकते है।
- Mr X को नाम बताने से क्यों डर लगता है....?
इस कथित स्कूल पर स्कूल का बोर्ड तक न लगाने वाले मिस्टर X ने बड़ी ही बेबाकी से अपनी करतूत पर मुस्कुराते हुए कुछ जानकारी साझा की और स्कूल में नर्सरी से 8वी तक के बच्चें पढ़ते है ऐसा मिस्टर X ने कहा लेकिन सूत्रों की माने तो जनाब इस स्कूल में 10th तक के बच्चो को पढ़ा रहे है। स्कूली बच्चों को बुलाकर दिनांक 26 जुलाई को भी स्कूल खुलने की बात स्वयं पुछवाते हुए अपना रोब दिखाने लगे उन्होंने बताया कि स्कूल का संचालन 1999 से इस प्रकार हो रहा है जो ज़िला प्रशासन के द्वारा तय स्कूल के किसी मानक के तहत नही आता । उन्होंने यह भी बताया कि स्कूल का संचालन सुबह करीब 7:00 बजे से लेकर 10:30 बजे तक किया जा रहा है।
और आदेशों की विपरीत स्कूल की छुट्टी न करने और संचालन करने पर उन्होंने बेशर्मी से मुस्कुराते हुए बोलने लगे इनसे बात करने के दौरान मिस्टर X ने ऐसी बात बोली जो सुनकर इनकी बेबाकी का परिचय इस अंदाज में मिला कि ये जिला प्रशासन के किसी आदेश या मानकों का उल्लंघन करने के लिए किसी विशेष अधिकार को लिए बैठे हैं।
स्कूल के नाम पर ऐसी नाफरमानी करने वाले मिस्टर X के द्वारा किस प्रकार बच्चों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा दी जा रही होगी यह वास्तव में बेहद गंभीर प्रश्न है । अपने रोब दिखाने के दौरान मिस्टर X ने यह भी बताया कि वे एक रजिस्टर्ड अधिवक्ता भी है जो हापुड़ जिला बार एसोसिएशन के सदस्य भी हैं और आगे बोलते हुए अपना चैंबर नंबर बताने लगे। अब सवाल यह भी उठना है नियमों और कानून की विशेषज्ञ समझे जाने वाले एक पंजीकृत अधिवक्ता को क्या नियम कानून की उल्लंघन का अधिकार प्राप्त है। और क्या एक अधिवक्ता स्कूल का संचालन कर सकता है।
अधिकारी बोले होगी कार्यवाही......।
इस संबंध में जब जिम्मेदार अधिकारियों को प्रकरण की जानकारी दी गई तो उन्होंने आदेशों की अवहेलना करने पर इस स्कूल पर कठोर कार्यवाही करने की बात कही है।