UP : पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ मंडल में पनपता माफिया- लैंड, यहां भूमाफियाओं के आगे नतमस्तक है कानून व्यवस्था के जिम्मेदार
Inside Story of land Mafia in Meerut division of Western Uttar Pradesh

ब्यूरो रिपोर्ट : News Flash INDIA: पश्चिमी उत्तर प्रदेश का मेरठ क्षेत्र एक विकास की नई ऊंचाईयां छू रहा है। लगातार हाईवे निर्माण , रैपिड ट्रेन जैसे तमाम विकास कार्य प्रगति पर है वहीं दूसरी ओर इस विकास की गति पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर कानून व्यवस्था को बिल्कुल ध्वस्त कर दिया है और यहां अब देश का नही, भूमाफियाओं का कानून ही चलता है। ऐसे माफियाओं की प्रताड़ना से त्रस्त जनता की नाराजगी लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में बीजेपी का गणित खराब कर चुकी हैं। हम ऐसा क्यों कह रहे हैं यह भी जान लीजिए।
भूमाफियाओं के आगे नतमस्तक है कानून व्यवस्था के जिम्मेदार..?
मेरठ के मवाना क्षेत्र को भूमाफियाओं ने अपना गढ़ बना लिया है। जहा ऐसा कोई सगा नही , जिसको इस क्षेत्र के माफियाओं ने ठगा नहीं। मवाना क्षेत्र में भू माफियाओं के शिकंजे में चाहे स्थानीय प्रशासन हो या पुलिस , सभी बेबस और नतमस्तक नजर आते हैं। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की माफिया को मिट्टी में मिलाने की मुहिम को को ठेंगा दिखाते हुए , यहाँ के अधिकारी भूमाफियाओं को करोड़ों रूपये की मिट्टी उपहार में देकर भूमाफियाओं का पालन पोषण करने में लगे हैं।
मामला करीब 10 करोड रुपए की सरकारी मिट्टी के बंदर बांट से जुड़ा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नियमों के विरुद्ध एसडीएम मवाना अंकित कुमार और अन्य प्रशासनिक अधिकारी भूमाफियाओं को अनैतिक गतिविधियां संचालित करने के लिए संरक्षण देते प्रतीत हो रहे हैं।
मवाना मध्य गंगा नहर में आसिफाबाद में करोड़ो की मिट्टी को नियमविरुद्ध भूमाफियाओं के हवाले कर दिया गया है। दरअसल यह मिट्टी मध्य गंगा नहर की सफाई के दौरान निकली थी जिसका नियमानुसार ठेका दिया जाना चाहिए था ,लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मेरठ के मवाना क्षेत्र में यह मिट्टी एक स्थानीय माफिया को नियमविरुद्घ सौंप दी गई। एसडीएम ने
माफिया की एक पोकलेन भी पकड़ी थी मगर उसको भी बिना विधिक कार्यवाही किए छोड़ दिया गया था।
इस मिट्टी की कीमत करीब 10 करोड़ रूपये बताई जा रही है जिसकी बंदरबांट में स्थानीय प्रशासन माफियाओं के इशारे पर काम कर रहा है। जबकि हापुड में इस प्रकार निकली मिट्टी का करीब डेढ़ करोड़ रूपये का टेंडर हुआ है।
- मवाना में माफियाओं का खेल , जनता परेशान- कानून फेल
ऐसे ही एक अन्य मामला मवाना क्षेत्र में अवैध निर्माण को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है जिसमें मै० सिल्वर इंटरप्राइजेज के भूमाफिया अनैतिक राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कर स्थानीय पुलिस और प्रशासन से बड़े बने हुए है। चाँदी के जूते के आगे स्थानीय जिम्मेदार लोग भूमाफियाओं के आगे बौने और नतमस्तक साबित हुए हैं ।धोखाधड़ी से जमीनों पर कब्जा करके नोट छापना भूमाफियाओं के लिए खेल हो गया है ,क्योंकि मवाना क्षेत्र का पुलिस प्रशासन माफियाओं के लिए देश के कानून और न्यायालय के निर्देशों को भी माफियाओं के हक में मोड़ देने पर आमादा दिखाई पड़ता है। जहा न तो पीड़ित जनता की कोई सुनवाई हो रही और न ही कानून का कोई अता पता है।
- माफियाओं से उनके कानून की ट्यूशन ले रहा स्थानीय पुलिस और प्रशासन ?
मवाना क्षेत्र में माफिया का वर्चस्व देश के कानून को ठेंगा दिखाता हुआ नजर आ रहा है। जहा अधिकारी देश में लागू कानून को नहीं , अपितु माफियाओं द्वारा बनाए गए उनके निजी कानून को मानते है । ऐसी ही विफलताओं का नतीजा है कि भूमाफियाओं के हौसले बेहद बुलंद हैं। जिम्मेदार लोगों की कारिस्तानी के आगे बेबस और लाचार प्रताड़ित जनता को न्याय भला किस प्रकार मिल सकेगा। मै० सिल्वर इंटरप्राइजेज के भूमाफियाओ के खिलाफ मेरठ विकास प्राधिकरण द्वारा कार्यवाही की जा चुकी है । मै० सिल्वर इंटरप्राइजेज के भूमाफियाओ द्वारा अब तक दर्जनभर लोगो से जमीन खरीदने और बेचने के नाम पर करोड़ो रूपये की ठगी की जा चुकी है ।इस ठगी का आंकड़ा भी 10 करोड़ से ज्यादा है। लेकिन पीड़ित जनता की सुनने वाले जिम्मेदार , देश के कानून को ठेंगा दिखाकर माफियाओं के कानून का पालन कर रहे हैं।
मवाना क्षेत्र के माफियाओं कानून की चौकाने वाली नजीर.....
- एक अन्य मामले में इसी वर्ष 5 जनवरी को एक किसान ने सुनवाई न होने पर SDM मवाना के कार्यालय के बाहर पेट्रोल छिड़ककर खुद को आग लगा ली थी जिसमे वह करीब 70 प्रतिशत झुलस गया था। किसान जगवीर अपनी पैतृक जमीन संबंधी समस्या लेकर अधिकारियों के चक्कर काट काट कर परेशान था जिसकी सुनवाई नहीं हो पा रही थी।
- ऐसे ही एक अन्य मामले में 17 अप्रैल को मेरठ के बहसूमा में चेकिंग के नाम पर महिला न्यायिक अधिकारी की गाड़ी रोककर उनसे बदसलूकी की गई थी, जिसमे चैकिंग में तैनात पुलिसकर्मियों ने न्यायिक अधिकारी के पहचान पत्र दिखाने के बाद भी उनसे बदसलूकी की थी।
- उत्तर प्रदेश के मेरठ का मवाना क्षेत्र एक भूमाफिय- लैंड बन गया।
इन सब से एक ओर प्रदेश सरकार की गुड गवर्नेस की छवि तार तार हो रही है तो वहीं दूसरी ओर सरकारी राजस्व की भी भारी हानि हो रही है । ऐसे में पीड़ित जनता कहाँ जाये ,यह भी एक बड़ा सवाल है। मवाना क्षेत्र में लगातार ऐसे तमाम प्रकरण सामने आ रहे हैं जिसमें स्थानीय पुलिस और प्रशासन लगातार माफियापरस्ती में प्रदेश सरकार की मंशा के विपरीत आचरण कर रहा है जिससे यह लगता है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ का मवाना क्षेत्र एक मिनी भूमाफियलैंड बन गया है ।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की आँखों में धूल झोंककर यहाँ के अधिकारियों की सरकार और क़ानून विरोधी कार्यशैली से जनता का विश्वास डगमगा रहा है। ऐसे में लोग यह आस लगाए बैठे हैं कि यहाँ की असलियत कैसे भी एक बार मुख्यमंत्री के सामने आ जाये तो योगी जी का सख्त एक्शन माफियाओं और उनको संरक्षण देने वाले सरपरस्तों की अक्ल ठिकाने लगाकर जनता को राहत पहुंचाये।