Hapur Meerut News : शगूफा धोखाधड़ी प्रकरण में पुलिस प्रशासन की कहानी की कोर्ट ने उड़ाई धज्जियां , सख्त आदेश जारी
करीब एक दर्जन लोगों से अनुमानित 8 करोड़ रुपयों की ठगी की गई है। पीड़िता फरहा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मोहम्मद असलूब व मोहम्मद आमिर द्वारा इस मामले में पुलिसिया कहानी की ऐसी परतों को भी बेनकाब किया गया, जिसके चलते इस जालसाजी के प्रकरण में पुलिस और आरोपी, सभी की मिलीभगत उजागर हो गई । जिनकी दी गई दलीलों ने न्यायालय को भी निरुत्तर कर दिया।

ब्यूरो रिपोर्ट : (News Flash INDIA) : लोगों को जमीन ओर प्लॉट के सपने दिखाकर करोड़ों की ठगी कर चुके मेरठ के जालसाज अमित चौहान और अनीस अहमद उर्फ केसर वकील को एक बार फिर मेरठ की मवाना कोर्ट के साथ साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट से भी दो बड़े झटके लगे है। जिसके चलते उन्होंने पुलिस और प्रशासन के उन अधिकारियों पर भी कार्यवाही की तलवार लटक गई है जिनके साथ मिलीभगत करके इन जालसाजों ने करीब एक दर्जन लोगों से अनुमानित 8 करोड़ रुपयों की ठगी की है। इसी के साथ इस प्रकरण से संबंधित मुकद्दमा संख्या 55 /2023 में नामजद आरोपियों में भी हड़कंप की स्थिति है।
- न्यायालय ने मेरठ पुलिस और प्रशासन को दिखाया सच का आईना....
मेरठ की मवाना हाईवे पर रिलायंस पेट्रोल पंप के पास स्थित इस विवादित भूमि को लेकर हापुड़ निवासी हिस्सेदार फरहा द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर पर मेरठ पुलिस को मवाना कोर्ट ने आईना दिखाते हुए जांच अधिकारी विकास शर्मा की कहानीनुमा रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया। इसी के साथ कोर्ट ने 7 दिसंबर को दिए अपने आदेश में पुलिस की कार्यशैली और प्रकरण में हुई अनियमितताओं को स्पष्ट रूप से अंकित करते हुए सख्त निर्देश जारी किए हैं। ओर प्रकरण की पुनः निष्पक्ष जांच के लिए मवाना थाना पुलिस को आदेशित किया है।
पीड़िता फरहा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मोहम्मद असलूब व मोहम्मद आमिर द्वारा इस मामले में पुलिसिया कहानी की ऐसी परतों को भी बेनकाब किया गया, जिसके चलते इस जालसाजी के प्रकरण में पुलिस और आरोपी, सभी की मिलीभगत उजागर हो गई । जिनकी दी गई दलीलों ने न्यायालय को भी निरुत्तर कर दिया।
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इसी के साथ विवादित भूमि की एक अन्य हिस्सेदार शबनम ने रेवेन्यू प्रकृति की कार्यवाही करते हुए इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली थी , जिनके मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 6 जनवरी को सुनवाई करते हुए विवादित भूमि पर स्टे लगा दिया है जिसके बाद अब इस भूमि की यथा स्थिति में किसी प्रकार का बदलाव अथवा विकास कार्य पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हो गया है।
- जानिए क्या है पूरा घटनाक्रम ......
पीड़ित ने बताया कि मेरठ के मवाना में हाईवे किनारे स्थित रिलाइंस पेट्रोल पंप से सटी जमीन पर शगूफा , मो जुनेद , मुदस्सिर आदि द्वारा गिरोह बनाकर स्थानीय भूमाफियाओं अमित चौहान और अनीस अहमद उर्फ केसर वकील से मिलीभगत करते हुए करोड़ों की जमीन को हड़प करने का षडयंत्र रचा गया था । जिसको लेकर एक एफआईआर मवाना थाना पर दर्ज हुई थी जिसमें 10 लोग नामजद थे । इसी दौरान एक फर्जी वसीयत की 3 बार फिंगर प्रिंट जांच पुलिस द्वारा करवाई गई जिसमें किसी भी रिपोर्ट में वसीयतकर्ता के फिंगर प्रिंट का मिलन नहीं हुआ
इसके बाद भी आरोपियों ने कुछ पुलिस अधिकारियों से मिलीभगत करते हुए अपने फायदे की रिपोर्ट लगवा कर मुकदमे को खत्म करने का प्रयास किया जिस पर मवाना कोर्ट ने चाबुक चला दिया। प्रकरण से संबंधित दस्तावेजों से स्पष्ट है की एक फर्जी वसीयत के सहारे करोड़ों की जमीन हड़पने का षड्यंत्र रचा गया , इसी दौरान आरोपित पक्ष के दो लोगों द्वारा प्रकरण के संबंध में अपने बयान अलग-अलग संबंधित न्यायालय में दर्ज करवाए गए। जिसमें वसीयतकर्ता की पत्नी द्वारा भी मेरठ की सिविल कोर्ट में बयान दर्ज कराते हुए पूरी साजिश ओर धोखाधड़ी का पर्दाफाश कर दिया गया।
यह बात भी सामने आई कि भू माफिया अनीस अहमद और अमित चौहान द्वारा जमीन खरीदने के लिए जो चेक आदि दिए गए उनका भुगतान आज तक नहीं हो पाया है जब चेकों को भुगतान करने के लिए बैंक में डाला गया तो आरोपित अनीस अहमद और अमित चौहान द्वारा बैंक में पेमेंट स्टॉप कर दी गई। इस प्रकार इस पूरी भूमि को हड़पने के लिए शगुफा आदि के साथ मिलकर इन भूमाफियाओं ने पूरा षड्यंत्र रचा । जिसकी सच्चाई दस्तावेजी तौर पर सामने आ चुकी हैं। जिसको लेकर इस जमीन की 3 अन्य हिस्सेदार अपने हक की लड़ाई कानूनी रूप से विभिन्न स्तरों पर लड़ रही हैं ।
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Order Copy 2
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