हापुड में बार एसोसिएशन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर किया झोल, अब खुलेगी फर्जीवाड़ा करने वालो की पोल
Exclusive : बार की रार -बहुत बड़ा खुलासा

Special Report -(NEWS FLASH INDIA)- :नियमो और कानूनों के सही रूप को समझने के लिए आम लोग अधिवक्ताओं और C.A. आदि पर भरोसा करते है और जब बात टैक्स की आती है तो यह विषय एक व्यक्ति अथवा संस्था के लिय बेहद संगीन और गोपनीयता होने के साथ साथ बेहद संवेदनशील भी हो जाता है । जिसमे त्रुटि की गुंजाइश न के बराबर होती है।
लेकिन जब ऐसी संवेदनशील जिम्मेदारी को निभाने वाले लोग ही नियम विरुद्ध कार्य करते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी तंत्र को गुमराह करने के आरोप में घिर जाए तो इस प्रकरण की गंभीरता आप स्वयं समझ सकते है।
जो लोग अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए अपनी संवैधानिक संस्था से फर्जीवाड़ा कर रहे हैं तो ऐसे लोगो को अपनी जिम्मेदारी सौंपना उनसे जुड़े लोगो के लिए भी किसी फर्जीवाड़े को न्यौता देने के बराबर ही है। ऐसे ही गभीर और सनसनीखेज घटनाक्रम का हम आज खुलासा कर रहे है।
खुलासा - दूसरा चरण
News Flash India द्वारा टैक्स बार एसोसिएशन हापुड के नियम विरुद्ध हुए अनेक घटनाक्रम का खुलासा पूर्व प्रसारित खबरों द्वारा किया गया। जिसके बाद संस्था में खुद को शातिर समझने वाले ऐसे लोग तक कार्यवाही की आंच आ गई ,जो कई महीनो से विभागीय नोटिस को भी नजरंदाज करते आ रहे थे।
उक्त लोगो के विरुद्ध विभिन्न स्तर पर की गई शिकायतों को लेकर जिम्मेदार विभाग द्वारा सख्त रुख अख्तियार करते ही उक्त लोगो को जवाब देने की मजबूर होना पड़ा
पर विभागीय नोटिस के जवाब में टैक्स बार एसोसिएशन हापुड के कथित अध्यक्ष चार्टेड अकाउंटेंट जलज पाराशर , तो एक शब्द न कह पाए ,जिनकी चुप्पी ही उनके ऊपर लगे आरोपों की पुष्टि को पर्याप्त है।
तो दूसरी ओर टैक्स बार के सचिव गौरव गर्ग द्वारा बिना तथ्यों का एक ऐसा हवाई - जवाब वर्तमान लेटर पैड पर दिया गया, जिसके साथ कुछ दस्तावेज भी शामिल किए गए, जिसमे उन्होंने अपनी संस्था टैक्स बार एसोसिएशन हापुड के रजिस्ट्रेशन के संबंध में भी अलग अलग दस्तावेजों में तीन अलग अलग वर्ष तारीख प्रदर्शित कर ,अपनी चतुराई और प्रखरता का प्रदर्शन किया। इतना ही नही , जवाब देने के लिय संभावना सूचक ऐसे शब्दो का प्रयोग भी किया गया जो उनकी अज्ञानता और नियम विरुद्ध संपादित हुए कृत्यों को सिद्ध करने के लिय पर्याप्त है ।
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इस प्रकार के तथ्यहीन जवाब के बाद टैक्स बार एसोसिएशन हापुड के अनेक जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही होना लगभग तय माना जा रहा है।
इतना ही नही संस्था के जिम्मेदार लोगो पर यह भी आरोप हैं कि तत्कालीन बार अध्यक्ष आशुतोष सिंघल की देखरेख में संस्था के तत्कालीन सचिव रूपक शर्मा एडवोकेट द्वारा कुछ पदाधिकारियों से मिलकर टैक्स बार एसोसिएशन हापुड के फर्जी दस्तावेज भी तैयार किए गए। इतना ही नही, इन दस्तावेजों पर अनेक सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर कर विभिन्न फर्जी दस्तावेज तैयार करके संस्था से ही धोखधडी की गई ।
और इन्ही कूट रचित दस्तावेजों से टैक्स बार एसोसिएशन हापुड के रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण भी कराया गया।
वर्ष 1999-2000 तक के दस्तावेजों को उक्त व्यक्ति द्वारा तैयार किया गया जबकि वो जुलाई 2007 में टैक्स बार एसोसिएशन हापुड के सदस्य बने । इन दस्तावेजों के आधार पर वर्तमान कमेटी अपनी प्रामाणिकता सिद्ध करने के प्रयास कर रही हैं ।
कमाल की बात यह भी है कि जिस टैक्स बार एसोसिएशन को लेकर विभागीय अधिकारियों द्वारा जवाब तलब किया गया उसके प्रतिउत्तर में उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों और तथ्यों में ही अनेक अनियमितताएं है।
साथ ही वर्तमान विवादित कमेटी के पदाधिकारियों में से अध्यक्ष जलज पाराशर,विभागीय अधिकारी द्वारा जारी नोटिस का कोई जवाब तक नही दे सके, तो दूसरी तरफ विभागीय नोटिस का जवाब देने वाले सचिव गौरव गर्ग को अपनी टैक्स बार एसोसिएशन हापुड के रजिस्टर्ड होने के वर्ष तक का ज्ञान नहीं। जिनके द्वारा दिए गए जवाब में संस्था के रजिस्ट्रेशन के संबंध में ही संदेह उत्पन्न कर दिया गया है। उपलब्ध जवाब के अनुसार किस प्रकार संभव है कि टैक्स बार एसोसिएशन हापुड का बतौर संस्था एक बार रजिस्ट्रेशन होने के बाद तीन अलग अलग वर्षो में रजिस्ट्रेशन किया गया, यह किस प्रकार संभव है ?
इस प्रकरण में अनेक गंभीर अनियमिताओं का खुलासा अभी जारी रहेगा जिनका पूरा पर्दाफाश हम जिम्मेदारी से करते रहेंगे ।