हापुड़ में दलित बस्ती के 41 घरों पर मनमानी कार्यवाही पर लगी रोक , डीएम प्रेरणा शर्मा ने कमेटी का किया गठन
दलित बस्ती में नगर पालिका गढ़मुक्तेश्वर द्वारा घरों को अवैध बताते हुए अवैध कब्जे को मुक्त कराने के लिए 41 घरों को लीगल नोटिस भेजा गया। इस नोटिस में लोगों को 15 दिन का समय देते हुए घरों को खाली करने की चेतावनी दी गई है जिस स्थान पर करीब 40 साल से लोग रह रहे हैं उस जगह को नगर पालिका ने अवैध बताते हुए कार्यवाही शुरू कर दी ।
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- हापुड़ - दलित बस्ती में बने 41 मकानों को अवैध घोषित करने की नगर पालिका गढ़मुक्तेश्वर की मनमानी कार्यवाही पर हापुड़ जिला प्रशासन ने लगाई रोक, तीन सदस्यीय कमेटी गठित
दिल्ली से सेट जनपद हापुड़ में दलित बस्ती में पट्टे की जमीन पर बने 41 मकानों को अवैध घोषित कर नगरपालिका गढ़मुक्तेश्वर द्वारा 15 दिन में कार्यवाही करने की चेतावनी देते हुए नोटिस भेजा गया था जिसमें करीब 70 परिवारों पर बेघर होने का खतरा पैदा हो गया था। मनमानी की एक तरफा कार्यवाही के चलते प्रशासन की कार्यशैली सवालों के घेरे में थी, जिस पर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे थे। नगर पालिका द्वारा अवैध बताए गए इन मकानों में कुछ मकान ऐसे भी थे जो पीएम आवास योजना के तहत बने हुए है। जिनको अब बेघर होने का डर सता रहा है।
- मीडिया में मामले के तुल पकड़ने के बाद हापुड जिला प्रशासन अब नींद से जाग है।
मामले में हापुड़ जिला प्रशासन द्वारा अब गढ़मुक्तेश्वर नगर पालिका द्वारा दी गई चेतावनी भरे लीगल नोटिस पर होने वाली कार्यवाही को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया। और तीन सदस्य कमेटी का गठन करते हुए प्रकरण की जांच करने के आदेश जिलाधिकारी द्वारा दिए गए हैं
उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ में गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र में स्थित इंद्रा नगर कॉलोनी नाम की दलित बस्ती में रहने वाले 41 घरों को 8 अप्रैल 2025 को नोटिस जारी किए गए थे। गढ़मुक्तेश्वर के स्याना चौराहे पर स्थित इंद्रा नगर नाम की इस दलित बस्ती में नगर पालिका गढ़मुक्तेश्वर द्वारा घरों को अवैध बताते हुए अवैध कब्जे को मुक्त कराने के लिए 41 घरों को लीगल नोटिस भेजा गया था और इस नोटिस में लोगों को 15 दिन का समय देते हुए घरों को खाली करने की चेतावनी दी गई थी। नोटिस मिलने के बाद से करीब 60 से 70 परिवारों के सैकड़ो लोग परेशान थे जिनके द्वारा लगातार नगर पालिका की इस कार्रवाई का विरोध किया जा रहा था इस संबंध में अनेक खबरें मीडिया द्वारा भी प्रकाशित की गई।
इस मामले में जिला प्रशासन की नींद अब टूटी है। जिसमें जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा ने 3 सदस्य जांच कमेटी का गठन करते हुए पूरे प्रकरण की जांच और नगर पालिका के साथ-साथ दलित बस्ती में रहने वाले लोगों का पक्ष सुनने के लिए भी कमेटी का गठन कर दिया है।
- जिला प्रशासन द्वारा इस संबंध में लिखित प्रेस नोट जारी करते हुए जानकारी साझा की गई है।
जिसमें कहा गया है कि आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के ई-मेल दिनांक 18.04.2025 में वर्णित विषय- इण्डियन एक्सप्रेस में दिनांक 18.04.2025 को श्री गंगाराम के हवाले से प्रकाशित खबर ’’दलितों के पी0एम0ए0वाई0 (शहरी) आवासों के इविक्षन नोटिस’’ एवं दिनांक 01.02.2025 को तहसील गढ़मुक्तेश्वर, जनपद-हापुड़ में आहूत सम्पूर्ण समाधान दिवस में प्राप्त शिकायती प्रार्थना पत्र के सम्बन्ध में तहसील गढ़मुक्तेश्वर की राजस्व टीम से स्थलीय एवं अभिलेखीय जॉच में पाया गया कि ग्राम गढ़मुक्तेश्वर के खसरा संख्या-959 रकबा 0.6300 है, जिसमें तालाब दर्ज है और उक्त भूमि में मौके पर आवासीय कॉलोनी बसी हुई है जो लगभग 35 से 40 वर्ष पुरानी है। कॉलोनी वासियों से भूमि के स्वामित्व के सम्बन्ध में दस्तावेज मांगे गये तो उनके द्वारा बताया गया वर्ष 1986 में नगर पालिका गढ़मुक्तेश्वर द्वारा जुर्माने के उपरान्त 100-100 वर्गगज के पटटे दिये गये थे, परन्तु वह पटटे राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं है।
राजस्व अभिलेखों में उक्त भूमि आज भी तालाब ही दर्ज है तथा ग्राम गढ़मुक्तेश्वर बांगर नगर पालिका परिषद, गढ़मुक्तेश्वर के अन्तर्गत अधिसूचित क्षेत्र है। उक्त के आधार पर कार्यवाही करते हुए नगर पालिका परिषद, गढ़मुक्तेश्वर द्वारा 41 व्यक्तियों को नगर पालिका की भूमि से अपना अवैध कब्जा हटाकर नगर पालिका को भूमि सौंपने के नोटिस जारी किये गये।
प्रेस नोट में आगे कहा गया है कि प्रशनगत कॉलोनी वासियों ने नोटिफाईड एरिया कमेटी, गढ़मुक्तेश्वर, तत्कालीन जिला गाजियाबाद द्वारा दिनांक 14.05.1986 को जारी अभिलेख प्रस्तुत किया। इस अभिलेख के आधार पर कॉलोनी वासियों के द्वारा पुनः विस्तृत जॉच कराये जाने का अनुरोध किया गया।
उक्त अभिलेख का संज्ञान लेते हुए एवं तहसील गढ़मुक्तेश्वर की राजस्व टीम द्वारा की गयी स्थलीय एवं अभिलेखीय जॉच में तारतम्यता न पाये जाने की दशा में जिलाधिकारी, हापुड़ के कार्यालय पत्रांक-461/एस0टी0-डी0एम0/2025 दिनांक 18.04.2025 के द्वारा अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) की अध्यक्षता में उपजिलाधिकारी, गढ़मुक्तेश्वर तथा अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद, गढ़मुक्तेश्वर की जिला स्तरीय त्रिसदस्यी समिति का गठन कर उपरोक्त विषय पर दो सप्ताह में स्थिति स्पष्ट किये जाने के निर्देश जारी किये गये है।
उपरोक्त त्रिसदस्यी समिति की आख्या प्राप्त होने तक समस्त 41 व्यक्तियों को जारी किये गये नोटिस तत्काल प्रभाव से अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद, गढ़मुक्तेश्वर द्वारा अपने कार्यालय पत्रांक-141-181/न0पा0परि0/गढ़/2025-26 दिनांक 18.04.2025 के द्वारा वापस ले लिये गये है।