HAPUR : सरकारी योजना का आवेदन करते ही ठगी का शिकार हुआ किसान , कृषि विभाग के नाम पर लाखों की ठगी, मामला दर्ज 

HAPUR : सरकारी योजना का आवेदन करते ही ठगी का शिकार हुआ किसान , कृषि विभाग के नाम पर लाखों की ठगी, मामला दर्ज 

  • प्रधानमंत्री योजना में आवेदन करते ही किसान से धोखाधड़ी
  • कृषि विभाग का अधिकारी बनकर बनाई फर्जी रसीद और ठग लिया
  • बड़ा सवाल ! सरकारी योजना के आवेदनकर्ताओं की जानकारी साइबर ठगो तक कौन पहुंचा रहा ? 

ब्यूरो रिपोर्ट : (News Flash INDIA) - जनपद हापुड़ के एक किसान को साइबर ठगो ने बेहद शातिर तरीके से अपना निशाना बनाया। हापुड के थाना देहात क्षेत्र के गांव ददायरा निवासी पीड़ित ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत कृषि सोलर पंप के लिए अपनी माता के नाम से आवेदन किया था। 28 फरवरी को आवेदन के कुछ दिन बाद दिनांक 13 मार्च को किसान के नंबर पर एक फोन आया, खुद को कृषि विभाग का अधिकारी बताकर ठग ने किसान को फोन किया था, जिसने किसान को आवेदन की डेट निकालने के कारण उसका आवेदन निरस्त होने की बात बोलकर अंतिम अवसर देते हुए पैसे की मांग की।

  • पीड़ित ने सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कॉलर से अपनी माता और कृषि भूमि से संबंधित जानकारी के बारे में सवाल किया, तो फर्जी कृषि अधिकारी बने ठग ने उन्हें उनकी माताजी और कृषि भूमि की डिटेल उपलब्ध करा दी। इसके बाद पीड़ित ने इस ठग पर भरोसा करते हुए अपने बैंक खाते से शातिर द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खाते पर 13 मार्च को 1,26,000 रूपये का भुगतान कर दिया और जिसके बाबत कॉलर ने किसान को कृषि विभाग की रसीद व्हाट्सएप पर भेज दी और किसान से 30 अप्रैल तक सोलर पंप मिल जाने की बात कहकर इंतजार करने को कहा गया । 

अप्रैल में का महीना खत्म होने के बाद जब पीड़ित किसान ने उस फोन नंबर पर दोबारा कॉल करके बात करने का प्रयास किया तो फर्जी कृषि अधिकारी द्वारा किसान को कोई जवाब नहीं दिया गया और फोन उठाना भी बंद कर दिया ।

ठगी करने वाले शातिर ने किस को व्हाट्सएप द्वारा कृषि विभाग के कार्यालय की एक रसीद भी उपलब्ध कराई थी। संदेह होने के बाद किसान ने जब कृषि विभाग में जाकर उन मोबाइल नंबरों और रसीद की जानकारी की ,तो किसान को इस पूरी ठगी का अंदाजा हुआ। पीड़ित ने मामले की शिकायत पुलिस से करते हुए न्याय की गुहार लगाई।

इस मामले में पुलिस द्वारा किसान की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है पुलिस ने तीन मोबाइल नंबरों से बात करने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ IPC 420,467,468 ,471,66D के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में बड़ा सवाल यही है कि सरकारी योजना के आवेदनकर्ताओं का डाटा किस प्रकार इन साइबर ठगो तक पहुंच गया। क्या कोई विभागीय मिलीभगत के चलते इस मामले में किसान की पूरी जानकारी ठगो तक पहुंची।  या इस मामले के तार सरकारी विभागों के जिम्मेदारों तक जुड़े है यह जांच का विषय है।